शिमला: 123 साल पुरानी ‘चाइम्स बजेगी चर्च में, 1899 में इंग्लैंड से लाई गई थी; 5 से 7 फीट लंबी घंटी

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THE  NEWS WARRIOR
06 /12 /2022

इस बार के क्रिसमस पर शिमला के ऐतिहासिक चर्च में यह चाइम्स आकर्षण का केंद्र होगी

शिमला

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में स्थित ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च में इस बार क्रिसमस पर 123 साल पुरानी चाइम्स (घंटी) प्रार्थना सभा में बजेगी। इसकी रिपेयर का काम पूरा हो गया है। ऐसे में इस बार के क्रिसमस पर शिमला के ऐतिहासिक चर्च में यह चाइम्स आकर्षण का केंद्र होगी। कोरोना काल के बाद पहली बार बड़े स्तर पर क्रिसमस मनाया जाएगा।

शिमला 1899 में इंग्लैंड से जहाज में लाई गई थी
वर्ष 1899 में इंग्लैंड से जहाज में चाइम्स काे शिमला लाया गया था। 1982 तक यह चाइम्स चर्च में प्रार्थना सभा के दाैरान बजती रही। इसके बाद यह खराब हो गई। 2019 में इसे रिपेयर किया गया। क्रिश्चियन मेंबर विक्टर डीन ने 20 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद इसे रिपेयर किया था। कोरोना के चलते इसे फिर से बंद किया गया। अब फिर इसकी हल्की रिपेयर की गई और अब यह फिर से बजेगी।

इस तरह से बजेगी चाइम्स
चर्च के टॉप फ्लोर पर चाइम्स को बजाने के लिए 6 हैमर यानी हथौड़े 6 रस्सियों से बंधे हैं। नीचे हॉल में जब रस्सी को हिलाया जाएगा तो उस एक रस्सी से जुड़ी बाकी 6 रस्सियों की मदद से यह 6 हथौड़े इन चाइम्स पर पड़ेंगे तो बेल बजेगी। हथौड़े इन चाइम्स को हिट करते रहेंगे। चाइम्स 5 से 7 फीट लंबी है। इसकी आवाज अन्य घंटियों से कहीं उलट है। इसमें एक ही समय में अलग-अलग तरह की धुन सुनाई देती हैं।

इसलिए खास हैं यह चाइम्स 
-1844 में शिमला में क्राइस्ट चर्च का निर्माण हुआ।

-1899 में इंग्लैंड से जहाज में इस चाइम्स काे शिमला लाया गया था।

– शिमला शहर के कारोबारी जगजीत सिंह ने वर्ष 2019 में इसकी मरम्मत के लिए हर तरह का सामान उपलब्ध करवाया।

शिमला का क्राइस्ट चर्च ऐतिहासिक
वर्ष 1857 में नियो गोथिक कला में बना यह चर्च एंग्लीकेन ब्रिटिशन कम्युनिटी के लिए बनाया था, जिसे उस समय सिमला कहते थे। यह चर्च दूर से देखने पर एक ताज की तरह दिखाई देता है। क्राइस्ट चर्च को कर्नल जेटी बोयलियो ने 1844 में डिजाइन किया। इसका निर्माण करीब 13 साल बाद 1857 में शुरू किया गया।

चर्च में लगी बड़ी घड़ी
चर्च के ऊपर लगी बड़ी घड़ी 1860 में कर्नल डमबेल्टन ने दान की थी। चर्च पर लगा पोर्च 1873 में जोड़ा गया। इसके बाद से बेशक घड़ी नहीं चल पाई, लेकिन यह चर्च दशकों से अपनी पहचान बरकरार रखने में कामयाब हुआ है। चर्च में 5 बड़ी खिड़कियां लगी हैं, जो कीमती कांच से बनाई गई हैं।

इस बार चर्च में चाइम्स बजेगी: फादर
क्राइस्ट चर्च शिमला के फादर रेवरेंट सोहन लाल का कहना है कि इस बार चर्च में प्रार्थना सभा के दौरान चाइम्स बेल बजेगी। इसके लिए हमने सभी तरह की तैयारियां कर दी हैं। देश विदेश से लोग क्रिसमस पर शिमला के क्राइस्ट चर्च आएंगे।

 

 

 

 

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