हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा कि
टाइगर बाम लगाना पड़ा ?
THE NEWS WARRIOR
DELHI- 12 MARCH
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में उस वक्त अजीब सी स्थिति हो गई जब सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ( CGIT) के एक मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसला काफी देर तक पढ़ने के बाद ही कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर कोर्ट क्या कहना चाहता है I
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नवंबर 2020 में आए इस 18 पेज के फैसले का को पढ़ते हुए यह वाक्य हुआ I जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने हिंदी में कहा कि यह क्या जजमेंट लिखा है मैं ऐसे 10:10 पर पढ़ने बैठा और 10:55 तक पढ़ता रहा हे भगवान वह हालत अकल्पनीय है I
इस पर जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि मुझे तो कुछ समझ में नहीं आया इसमें इतने लंबे-लंबे वाक्य हैं, कि कुछ पता ही नहीं चल रहा, कि आखिर शुरू में क्या कहा गया और अंत में क्या एक कौमा भी दिखा भी तो अटपटे तौर पर लगा रखा था I
यह फैसला पढ़ते समय कई बार तो मुझे अपने ज्ञान और अपनी समझ पर भी शक होने लगा मुझे फैसले का आखिरी पैरा पढ़ने के बाद अपने सिर पर टाइगर बाम लगाना पड़ा I
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि फैसला ऐसा लिखा होना चाहिए कि किसी भी आम आदमी की समझ में आ जाए जस्टिस कृष्ण अय्यर के फैसले ऐसे ही होते थे जैसे वह कुछ कह रहे हैं और पढ़ने वाला सब कुछ उतनी ही सरलता से समझ रहा है शब्दों की कारीगरी
दरअसल दरअसल यह मामला केंद्र सरकार के कर्मचारी की याचिका पर आधारित था I जिसमें हाईकोर्ट ने CGIT के आदेश पर अपनी मुहर लगाई थी सीजीआईटी ने एक कर्मचारी को कदाचार का दोषी मानते हुए दंडित किया था दंडित कर्मचारी हाईकोर्ट गया हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली तो सुप्रीम कोर्ट आया I