THE NEWS WARRIOR
13/06/2022
हिमाचल चुनाव में अप्रत्यासित परिणाम आएंगे : बी.आर.कौंडल
हिमाचल में बीजेपी सरकार को डुबोने में तीन मन्त्रीयों का योगदान अहम रहने वाला है। यह त्रि- मुर्ति हैं वे मन्त्री हैं जो भूमि-अधिग्रहण प्रभावितों की समस्याओं को सुलझाने हैतू कमेटी में शामिल किए गये थे। इसे संयोग समझो या षंडयन्त्र कि तीन साल में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं दे सकी। तीन साल में केवल एक बार प्रभावितों के साथ बैठक की गई व आश्वासन दिया गया था कि 25 दिनों के अन्दर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब समय हाथ से निकल चुका है और अब गेंद जनता के पाले में है।
उल्लेखनीय है कि लगभग 45 विधान सभा क्षेत्रों में भूमि-अधिग्रहण का कार्य हो चुका है या अभी चल रहा है। इन क्षेत्रों में लगभग एक लाख परिवार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भूमि या मकान अधिग्रहण होने से प्रभावित हुए हैं।
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फैक्टर एक की अधिसूचना पिछली कांग्रेस सरकार ने की थी व फैक्टर दो के अनुसार चार गुना मुआवजा देने का वादा भाजपा ने सत्ता में आने से पहले किया था। दोनों ही दल इस समस्या को लेकर आज कटघरे में हैं। कांग्रेस पार्टी अब दो फैक्टर देने को राजी है, लेकिन यह बताने में असमर्थ है कि पहले उन की सरकार ने एक फैक्टर की अधिसूचना क्यों की थी तथा अब प्रभावितों को हुए नुकसान की भरपाई कैसे करेगी ? जाहिर है, लोग विश्वास नहीं कर रहे हैं। करें भी कैसे ? कहते हैं ” दूध का जला छाछ से भी खोफ खाता है। जिस प्रकार से लोगों के साथ वादा खिलाफी हुई है , उस से तो लगता है कि आने वाले समय में परिणाम अप्रत्यासित होंगे। उप चुनाव में ट्रेलर लोगों ने दिखा दिया है पर पिक्चर अभी दिखानी बाकी है।
इस समय आवश्यकता इस बात की है कि जो दल जनता के साथ धोखा व वादा खिलाफी करते हैं उन को सबक सिखाया जाए ताकि भविष्य में कोई दल इस प्रकार की गुस्ताखी न करें । इन्होने लोगों को अंधभक्त बना कर अपनी सत्ता भोग की सीढ़ी बना रखा है, लेकिन इस बार जो खामोशी नज़र आ रही है उस से तो लग रहा है कि तुफान आना निश्चित है व परिणाम अप्रत्यासित होंगे।
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