राष्ट्र निर्माण और भारत के युवाओं की भूमिका

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भारत ने अपनी आजादी 15 अगस्त 1947 को हासिल की. अंग्रेज यहां पर आए तो तिजारत के लिए थे लेकिन जब उन्होंने देखा कि हिंदुस्तानी आपस में ही छोटी छोटी चीजों के लिए  लड़ रहे हैं तो उन्होंने मौके का फायदा उठाकर भारत पर राज करना शुरू किया और बहुत ही कम समय में उन्होंने पूरे भारतवर्ष को अपने चंगुल में ले लिया, जिसके उपरांत भारत पूरी तरह से अंग्रेजों की गुलामी में जकड़ कर रह गया अंग्रेजों ने विभिन्न प्रकार के कानून भारतीयों के ऊपर थोपे पहले तो उन्होंने राजाओं और महाराजा को आपस में लड़ा कर के उनका साम्राज्य अपने कब्जे में किया और उसके बाद धर्म के नाम पर हिंदू मुसलमानों को आपस में लड़ाया, इतना ही नहीं हिंदू लोगों को भी जात-पात के आधार पर अलग कर दिया जिसके कारण पूरे भारतवर्ष में अराजकता का माहौल पैदा हो गया
 हिंदुस्तानी पाई पाई के मोहताज हो गए और उन्हें अपनी गलती का एहसास तो हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी अंग्रेजों का साम्राज्य कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी अरुणाचल प्रदेश से कच्छ तक फैला हुआ था, लेकिन कहते हैं भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं अंत में क्रांतिकारियों की मेहनत रंग लाई और हम 1947 में स्वतंत्र हो गए, लेकिन ये जो आजादी हमें मिली है यह कायम रहनी चाहिए जो पूर्वज हमें ये विरासत  दे कर चले गए हैं उसको कायम रखना हमारी जिम्मेदारी है.

हमारा देश एक विकासशील देश और दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल, CRPF, ITBP, CISF, विभिन्न राज्यों की पुलिस तो अपना काम कर रही है लेकिन सिर्फ सीमा को पर रहकर ही देश की सेवा की जा सकती, हम जहां है जिस हाल में है वहां बैठ कर भी देश सेवा कर सकते हैं, हमें एक ऐसा सैनिक बनना पड़ेगा जिसको न वर्दी की जरूरत हो और ना ही हथियार की जरूरत हमारे देश के हजारों ऐसे दुश्मन है देश से बाहर है लेकिन दुर्भाग्यवश लाखों ऐसे दुश्मन है जो देश के अंदर है जो हमें अंदर ही अंदर खोखला करते जा रहे हैं बाहर वालों से तो सेना निपट लेगी अंदर के दुश्मनों से निपटना हम लोगों का काम है. किसी देश की सबसे बड़ी ताकत होती है उस देश के नागरिक.

एक वह देश तभी तरक्की कर सकता है जब उस देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्रवादी हो और वह धर्म जाति और रंगभेद से ऊपर राष्ट्र को मानता हो.
उदाहरण के तौर पर इजराइल विश्व के सबसे ताकतवर देशों में गिना जाता है उसके पीछे एक ही वजह है कि वहां के 90 लाख के 90 लाख देश के नागरिक राष्ट्रवादी है और वे अपने देश के लिए प्राण निछावर करने को तैयार है,लेकिन अगर किसी देश में थोड़े से भी लोग देश के साथ गद्दारी करते हैं और बाहर वाले दुश्मन देशों का साथ देते हैं तो वह देश कभी तरक्की नहीं कर पाता. ऐसा ही हालात कुछ भारत देश की भी यहां के कुछ गद्दार अपने चंद रुपयों के लिए देश के साथ गद्दारी करते हैं वरना हमारा देश दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में गिना जाता था जिसे एक समय पर सोने की चिड़िया कहा जाता था और 100 से ज्यादा देशों से यहां पर लोग आकर शिक्षा हासिल करते थे यहां हजारों गुरुकुल होते थे और यहां से ही शिक्षा हासिल कर के दुनिया मैं मानवता का प्रचार करते थे. लेकिन समय के अनुसार देश में पाश्चात्य सभ्यता हावी होती गई लेकिन हम लोगों ने पाश्चात्य कपड़े लगाना तो सीख लिए लेकिन कभी भी अपने अंदर पाश्चात्य सोच को उजागर नहीं कर पाए. आज अमेरिका, भूटान जापान, कनाडा मैं भारतीय संस्कृति को माना जा रहा है लेकिन हमारे अपने लोग ही अपनी संस्कृति को बुलाते जा रहे हैं. इन सब को ठीक करने की आवश्यकता है वरना वह दिन दूर नहीं जब हम फिर से मुसीबत में पड़ जाएंगे.

देश सेवा हम अपने अपने कार्य क्षेत्र में भी कर सकते हैं, जरूरी नहीं कि हम सीमा पर जाकर के ही देश सेवा करें, उदाहरण के तौर पर किसी भी देश को आगे ले जाने के लिए देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होनी चाहिए और वह अर्थव्यवस्था हम लोगों से ही बनती है जो हम कर के रूप में देश को देते हैं.  लेकिन बहुत दुख की बात है कि देश के ज्यादातर नागरिक कर देने से बचते हैं और तरह-तरह के बहाने बनाकर के कर देने परहेज करते हमें देश को कर देना चाहिए क्योंकि जो सड़क, जो पानी, जो बिजली, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल हवाई पट्टी बस स्टैंड हम रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग करते हैं वह हमारे ही पैसों से बनता है और उसके रखरखाव के लिए भी हमारे ही कर का पैसा उपयोग में लाया जाता है वर्तमान समय में अगर हम भारत को फिर से सोने की चिड़िया और विश्व गुरु बनना देखना चाहते हैं तो हमें छोटी छोटी चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा जैसे समय पर कर देना, बिजली चोरी करने से रोकना, अपने ड्यूटी सही टाइम पर देना.

अगर देश का हर नागरिक अपने दी हुई जिम्मेदारी का अच्छे से पालन करें तो वह दिन दूर नहीं जब हम फिर से विश्व गुरु बन जाएंगे, लेकिन दुर्भाग्यवश भारत का युवा आजकल गलत चीजों में सम्मिलित हो चुका है देश का युवा 24 घंटों में से 15 घंटे मोबाइल में लगा देता है और बाकी बचे हुए घंटों में डोंकी नींद भी नहीं कर पाता, अगर देश के युवा इस तरह से समय बर्बाद करता रहा तो देश कैसे आगे बढ़ेगा देश के युवाओं को जागरूक होने की जरूरत है हमें अपने आसपास अपने बड़ों का और बच्चों का ध्यान रखना पड़ेगा
 कहीं पर भी अगर हमें लगता है यह गलत हो रहा है तो उसकी खबर प्रशासन को करनी चाहिए.
 किसी भी सार्वजानिक जगा जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर अगर कोई संधि व्यक्ति कोई संदिग्ध हरकत करते हुए दिख रहा है तो तुरंत प्रशासन को खबर करनी चाहिए क्योंकि हो सकता है या आपका खबर ना करना विनाशकारी साबित हो.
हमें समय का सही उपयोग करना चाहिए और कहीं पर भी अपने समय को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए अगर इतनी सारी चीजें हम लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अमल कर ले वह दिन दूर नहीं जब भारत फिरसे  विश्व गुरु बनेगा और सबसे शक्तिशाली देशों में से एक होगा और सबसे खुशहाल देश भी होगा.
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम उस देश के निवासी हैं जिस देश में 65% से ज्यादा युवा है प्रधानमंत्री जी सही कहते हैं युवाओं के अंदर देश की तकदीर बदलने की क्षमता होती बस शर्त यह है कि वे युवा सही पथ पर हू पिछले कुछ वर्षों से भारत की छवि मैं बहुत ही ज्यादा सुधार आया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का लोहा मनवा रहा हमें यही नहीं रुकना है बल्कि और आगे जाकर अपने खोए हुए सम्मान को वापस लाना है और यह सब तभी मुमकिन होगा जब मेरे देश का युवा दिन दुगनी और रात चौगुनी मेहनत करें हमें हर तरह के कार्यक्षेत्र में अनुसंधान करने की आवश्यकता है चाहे वह विज्ञान हो चाहे वे एग्रीकल्चर हो चाय हॉर्टिकल्चर हो चाहे एपीकल्चर हो और चाहे वह आईटी सेक्टर
 हमें सबसे ज्यादा ध्यान स्वदेशी चीजों को बनाने में और उपयोग करने में देना चाहिए और वह तभी मुमकिन हो सकता है जब हम लोग अपने रोजमर्रा की जिंदगी में स्वदेशी चीजों को इस्तेमाल करें हम सब कुछ तो स्वदेशी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं लेकिन हमारी यह कोशिश होनी चाहिए कि जितना हम से हो सके उतना स्वदेशी इस्तेमाल करें ताकि हमारा पैसा देश से बाहर ना जाए हमारे देश के युवाओं को पैसों की लालच में आकर के देश को नहीं छोड़ना चाहिए अगर हमारा दी वह हमारे ही देश में रह गया तो हम तरह-तरह के अविष्कार करके देश को बहुत आगे ले जा सकते हैं!

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