एक दिन ही क्यों जागती है देश भक्ति ?

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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है I  आज सुबह से लेकर शाम तक स्वतंत्रता दिवस का एक जुनून हर किसी के दिल दिमाग जहन और व्यवहार में झलकता रहेगा। देश भक्ति  का बुखार आज दिखाना लाजमी है, लेकिन सवाल यह है कि साल के अन्य 364 दिनों में हमारी देशभक्ति कहां जाती है । उसी तरह हमारे खून में क्यों नहीं बोलती है जिस तरह आज उबाले मार रही है । हमारी देश भक्ति तब  उबाले मारती है जब किसी सैनिक की शहादत होती है या फिर बॉर्डर पर तनाव।  यह सवाल अपने आप से आईने के सामने खड़े होकर पूछना होगा कि हमारी देशभक्ति 364 दिन गायब क्यों रहती है ? कोई भी देश तभी बड़ा बनता है, जब उस देश के नागरिक सजग हो, जागरूक हो कर्तव्य का पालन करते हुए अधिकारों के लिए लड़ना जानते हो और समाज को हमेशा पुनर्निर्माण की राह पर ले जाने का जज्बा रखते हो। हमारे आसपास गलत होता रहता है । हर इंसान के जीवन में दिन में एक आधी घटनाएं ऐसी होती रहती है जो कि गलत होती है और हमारी आंखों के सामने हो रही होती है  लेकिन हम आंखों पर पट्टी डालकर वहां से खिसकने में बेहतर समझते हैं  तब हमारे दिल में ख्याल चलता रहता है कि हमें क्या पड़ी है ? मेरे साथ थोड़ी हो रहा है मैं तो चुप ही रहता हूं, जिसके साथ हो रहा हो रहा वो सहता रहे। मैंने क्या आवाज उठाने का ठेका ले रखा है  समाज का।  मैं इसके लिए थोड़ी बना हूं। मुझे अपना कैरियर देखना है अपनी पढ़ाई देखनी है । मुझे बस अपनापन देखना है। इसी सोच के साथ हम समाज में हो रहे गलत पर अक्सर मौन रह जाते हैं। हमारे देश भक्ति उस समय हमारे किसी भी खून के हिस्से में मृत पड़ी होती है । हम खुद ही कई बा र गलत बातें गलत कार्य करते रहते हैं । भ्रष्टाचार करने वाले भी हम और आप जैसे ही है और हमें पता होता है कि कौन भ्रष्ट है?  कौन सिस्टम में छेद करने पर तुला है ? कौन सिस्टम को चूस रहा है हमेशा पता होता है लेकिन हम मुंह बंद कर अपना रास्ता अकेले चलते रहते हैं। आज देश में कई चुनौतियां हैं । नशा युवा पीढ़ी को खोखला कर चुका है नशे करने वाले कौन हैं हमें और आपको पता है कि कौन नशे की खेप को युवाओं के दिमाग में डाल रहा है हम सबको पता होता है । लेकिन हम बोलते ही नहीं हैं। छोटे से काम को करवाने के लिए रिश्वत देने वाले कोई और नहीं बल्कि हम ही हैं ।महिलाओं के साथ हो रहे शोषण करने वाले हम और आप ही हैं । शोषण पर चुप रहने वाले भी हम और आप ही हैं जाति अनुसूचित जाति के साथ भेदभाव करने वाले भी हमारा भी है  सुविधा संपन्न होने के बाद भी मुफ्त में सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए दूसरों का हक खाने वाले भी हमारा भी है हमारी देशभक्ति उस समय जागती है जब हमारी भावनाओं के ऊपर कोई अटैक होता है  । हम अपने आप को सामाजिक प्राणी बोलते हैं समाज का हिस्सा बोलते हैं तो जब समाज में कुछ गलत हो रहा होता है। तब हम मौन रह जाते हैं जब हम समाज में रहते हैं तो फिर गलत काम पर मौन रहने का कार्य पूर्णता गलत है। समाज को सही दिशा देना हमारा आपका सब का कर्तव्य है। लेकिन हम हर उम्मीद नेताओं सकते हैं और नेता हम और आप ही बनाते हैं  हम बेहतर और अच्छे नेता निर्माण करेंगे जब हम व्यक्ति निर्माण करेंगे । व्यक्ति आदर्शों से भरा होगा व्यक्ति चरित्र से भरा होगा , व्यक्ति  ईमानदार मेहनत करने वाला , यह सब तभी होगा जब हम और आप अपनी देशभक्ति जीवित रखेंगे और समाज को हमेशा निरंतर सही राह पर लाने के लिए कार्य करते रहेंगे। हमें स्वतंत्रता तो मिल चुकी है और इसका जश्न हम 15 अगस्त को हर साल मनाते हैं और हमें मनाना भी चाहिए। लेकिन जो समाज में बुराइयां हैं , जो व्यक्ति के जीवन में बुराइयां हैं उनसे स्वतंत्रता हमें खुद हासिल करनी होगी और वह तभी हासिल हो पाएगी जब हम अपनी देशभक्ति को जीवित रखेंगे। भारत में आजादी इसलिए हासिल कर ली क्योंकि आजादी के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारी देशभक्ति से परिपूर्ण थे ।उनके खून में देशभक्ति का जुनून सवार था।  अगर वह देश आजाद करवा सकते हैं तो देश भक्ति को जीवित रखे हम अपने समाज में व्याप्त बुराइयों को क्यों समाप्त नहीं करवा सकते बस मेरा इतना सवाल है कि यह देश भक्ति आखिर एक दिन में ही क्यों जागती हमें अपनी देशभक्ति को हमेशा जीवित रखना है अयोग्य को योग्य बनाना है । शोषण का शिकार हो रहे लोगों को बचाना है समाज को देश को एक धारा में पिरोना है। व्यक्ति निर्माण करना है राष्ट्र निर्माण करना है।  गरीबी भुखमरी बेरोजगारी इन सब को मिटाना है। जब हमारे अंदर देशभक्ति जीवित रहेगी तभी हम जिस भी पद पर जिस भी कुर्सी पर यह समाज में जिस भी भूमिका पर होंगे  हम अपना रोल बेहतरीन ईमानदार तरीके से निभा पाएंगे इसलिए देश भक्ति एक दिन तो दिखाई जाती है। अगर हम हर दिन देश भक्ति व्यवहारिक तौर पर दिखाएं तो हमारा भारत दुनिया में नंबर एक पर होगा भारतीय ऐसा देश है, जिसमें विभिन्न हटाएं होते हुए भी एकता है । हमारी सभ्यता संस्कृति बहुत ही अतुलनीय है तो आइए हम संकल्प लेते हैं कि हम अपनी देशभक्ति को 15 अगस्त के लिए नहीं साल की हर दिन के लिए इसी तरह मनाते रहेंगे दिखाते रहेंगे

जय हिन्द

अजय बन्याल

असिस्टेंट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, लाहौल स्पीति, हि.प्र

 

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