मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला में विधायक और नगर परिषद अध्यक्षा की प्रताड़ना से एक ईमानदार ऑफिसर ने दिया नौकरी से त्याग पत्र ।
The News Warrior
आजकल जहां बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, लाखों-करोड़ों बेरोजगार नौकरियों के लिए दर-दर भटक रहे हैं, प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा मामला सामने आया है जो हमारे होश उड़ा देगा । एक ईमानदार नौजवान अफ़सर ने सरकारी नौकरी से ही त्यागपत्र दे दिया।
आखिर उस नौजवान अफसर को कितना प्रताड़ित किया गया होगा कि उन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया?
मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी में नेरचौक नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी करुण भरमौरिया जिन्होंने इसी वर्ष ही प्रतियोगी परीक्षा पास करके नगर परिषद में बतौर कार्यकारी अधिकारी ज्वाइन किया था, ने बीते कल अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया ।
The News Warrior की टीम ने अपने गुप्त सूत्रों के आधार पर यह पता लगाया है कि उन पर नगर परिषद अध्यक्षा व कुछ अन्य पार्षदों द्वारा गलत कार्य करने के लिए निरंतर दबाव बनाया जाता रहा और अपने राजनीतिक आकाओं से फोन करवाए जाते थे जिस वजह से इस ईमानदार अफसर को काम करना मुश्किल हो रहा था। The News Warrior ने अपने स्तर पर पत्रकार सूत्रों से जानकारी जुटाई है कि हल्के के विधायक ने भी कुछ दिन पहले उनसे बदसलूकी की थी। उन्हें पिछले कल धमकी भरे फ़ोन भी आने लगे थे और मामला तो तब बिगड़ा जब उनके दरवाजे पर दो अनजान लोगों ने दस्तक दी और बिना कुछ कहे दरवाजे पर खड़े रहे।
श्री करुण भरमौरिया से फ़ोन के माध्यम से संपर्क साधना चाहा लेकिन उनका फ़ोन स्विच ऑफ आ रहा है। उनके कुछ मित्रों से हमारी टीम ने संपर्क साधा तो उनसे पता चला है कि वह अब हिमाचल प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों की मदद करेंगे और प्रदेश के लिए शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देते रहेंगे। जयराम सरकार पर एक ईमानदार अफसर का सरकारी नौकरी से त्यागपत्र देना यह सवाल छोड़ रहा है कि बेलगाम नेताओं पर आखिर कौन लगाम लगाएगा ? इसका खामियाजा उन नेताओं को नहीं बल्कि स्वयं मुख्यमंत्री को भुगतना पड़ता है।