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रवींद्र कुमार शर्मा
घुमारवीं
जिला बिलासपुर हि प्र
9418093882
नशा आदमी की बुद्धि हर लेता है
कालेज में पढ़ते थे जब
दोस्त मुफ्त में सिग्रेट पिलाने लगे
हम भी दोस्तों की देखा देखी
धुएं के छल्ले उड़ाने लगे
दोस्तों की जमती हर रोज़ महफ़िल
हम भी महफ़िल में अब जाने लगे
सिगरेट शराब तो पहले से पीते थे
चरस अफीम गांजा चिट्टा भी आजमाने लगे
घर से पैसे मंगवाते खर्चे के नाम पर
नशे पर उसको उड़ाने लगे
दावतें होती रोज़ छुप छुप कर
नशा हो गया हावी नशेड़ी कहलाने लगे
नशे की दलदल में जो पांव पड़ गया
बाहर निकलने के लिए छटपटाने लगे
दलदल से बाहर नहीं आ सके
जितना छटपटाये उतना ही अंदर जाने लगे
छूट गई पढ़ाई कालेज में भी हो गए फेल
चिट्टे के केस में पकड़े गए हो गई जेल
माँ बाप का नाम भी हो गया बदनाम
ज़मीन भी बिक गई न नमक बचा न तेल
नशा दीमक की तरह सब बर्बाद कर देता है
नशा आदमी की बुद्धि हर लेता है
ज़िन्दगी हो जाती है तबाह
नशेड़ियों से अपना भी आंख फेर लेता है
नशा कभी मत करो सुन लो मेरी बात
देखता नहीं धर्म मज़हब और जात पात
बर्बाद हो जाता है पूरा परिवार
इज़्ज़त शौहरत सब हो जाती तार तार