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13 जनवरी 2022
हिमाचल प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं जिसके बाद अब सरकार भी कोरोना बंदिशें लगाने पर मज़बूर हो गयी हैं। आपको बता दें पिछले 12 दिन से राज्य में कोविड के कुल पांच हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं | लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सरकार ने प्रतिदिन की सैंपल संख्या भी बढ़ा दी है। पिछले कल बुधवार को कुल 14 हजार के करीब सैंपल लिए गए थे। उसके ऊपर लगातार कोरोनावायरस के सामने आ रहे नए नए रूप दुनियाभर के विशेषज्ञों के लिए एक नई गुत्थी बन गए हैं । डेल्टा के बाद आया ओमिक्रोन ने भारत में कोरोना की तीसरी लहर की भी शुरुआत कर दी है । ऐसे में हम सभी के लिए जरूरी है की हम अलग अलग वेरियंट्स के बारे में जान कर बेहतर सावधानी बरतें।
कोरोना के ओमिक्रोन स्ट्रेन के मुख्य लक्ष्य –
ओमिक्रोन अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट और गले में समस्या बढ़ाता है | इस वजह से ओमिक्रोन से संक्रमित लोगों में पहले गले में जलन या खराश की शिकायत पाई जा रही है। उसके बाद जुकाम और छींकों की समस्या देखी गयी है | इसके इलावा संक्रमित मरीजों में सिर दर्द, जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है और तेज कंपकपी के साथ बुखार आता है। साथ ही मरीज को कमजोरी महसूस होती है और ऐसा प्रतीत होता है मानो शरीर टूट रहा है।
इन सामान्य लक्षणों के इलावा ओमीक्रोन के तेजी से बदलते लक्षण भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। खांसी, बुखार व थकान के इलावा ओमीक्रोन मरीजों में कुछ ऐसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं जो कोविड के अन्य वेरिएन्ट्स से बिल्कुल भिन्न हैं। ओमीक्रोन का त्वचा पर भी गहरा प्रभाव देखने को मिला है | ओमीक्रोन से संक्रमित कुछ लोगों में त्वचा पर अलग-अलग प्रकार के चकत्ते पाए गए हैं और पित्ती, घमौरी अथवा हाथ पैर की सूजन जैसे लक्षण भी दिखें हैं जिसके कारण उन्हें त्वचा पर लालगी और खुजली महसूस होती है।
अगर हीट रैश अथवा घमौरी की बात करें तो मरीज में गर्मी में होने वाली घमौरी के दाने जैसे दाने भी हो सकते हैं। खुजली के इलावा इन दानों में तरल पदार्थ भी भर सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें और खुजली से राहत पाने के लिए आइस पैक लगाएं | विभिन्न आकृतियों और आकारों में होने वाली पित्ती (यानी hives) में आमतौर पर उभरे हुए लाल धब्बे दिखाई देते हैं जिसमें खुजली के इलावा बीच में चुभने वाली सनसनी भी महसूस होती है | यह शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं और कुछ मिनटों से लेकर कुछ दिनों तक भी रह सकते हैं ।
डेल्टा और ओमिक्रोन के लक्षणों में अंतर
अगर वैरिएंट की बात की जाए तो डेल्टा और ओमिक्रोन के लक्षणों में मुख्यतः पाए गए हैं:
1.ओमिक्रोन अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट और गले में समस्या बढ़ाता है जबकि डेल्टा वेरिएंट फेफड़ों पर अटैक करता है । यही कारण है कि ओमिक्रोन संक्रमित मरीजों में गले में बहुत तेज जलन और खराश की समस्या जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं ।
2.डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मरीजों को सांस संबंधी समस्या भी हो सकती है परंतु ओमिक्रोन मरीजों में अब तक यह समस्या देखने में नहीं आई है ।
3.डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में स्वाद और गंध चली जाता है परंतु ओमिक्रोन मरीजों में अब तक ऐसे कोई लक्षण नहीं मिलें हैं।
डेल्टा और ओमिक्रोन के बाद डेल्टाक्रॉन
जहां एक ओर ओमिक्रोन के कारण फिर एक बार कोरोना कहर बरप रहा है तो दूसरी ओर साइप्रस के एक वैज्ञानिक ने कोरोना के नए स्ट्रेन डेल्टाक्रॉन का भी खुलासा कर दिया है । अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक ये डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट का मिक्स है, जिस वजह से इसे डेल्टाक्रॉन का नाम दिया गया है । डेल्टाक्रॉन का जेनेटिक बैकग्राउंड डेल्टा के ही समान बताया जा रहा है जबकि इसके साथ ओमिक्रॉन के कुछ म्यूटेशन भी पाए गए हैं । हालांकि साइप्रस के स्वास्थ्य मंत्री मिखलिस हदीपेंटेलस के मुताबिक ने इस नए वैरिएंट को लेकर फिलहाल चिंता करने की आवश्यकता नहीं है । विश्व के कई वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि यह कोई नया वैरिएंट नहीं है । उनका मानना है कि हमें आरएनए वायरस की प्रकृति के अनुसार हमें कई उत्परिवर्तन मिल सकते हैं परंतु हमें इनके पुनः संयोजक रूपों को संसाधित करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह इतना खतरनाक साबित नहीं होगा ।
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