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17 फरवरी 2023
मंडी : आराध्य देव कमरुनाग शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव के लिए मंडी में पहुँच गए हैं। दोपहर बाद छोटी काशी पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि से गूंज उठी। बड़ा देव के पहुंचते ही शिवरात्रि महोत्सव के कारज शुरू हो गए हैं। देवताओं के साथ आए देवलु वाद्ययंत्रों की धुनों पर नाचते-गाते मंडी पहुंचे।
देवता दोपहर दो बजे पुलघराट में पहुंचे, जहां पर प्रशासन के अधिकारियों सहित सर्व देवता सेवा कमेटी एवं सैकड़ों लोंगों ने उनका भव्य स्वागत किया। कमरुनाग मंडी में करीब तीन बजे पहुंचे। उसके बाद देवता ने माधोराय मंदिर में हाजिरी भरी और राज देवता के दर्शन किए ।
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टारना माता मंदिर में होंगे विराजमान
इसके बाद देवता अपने लाव लश्कर सहित राज परिवार की परंपरा के अनुसार राज महल में पहुंचे जहां पर राजा ने उनका स्वागत किया। कुछ देर तक यहां पर विश्राम के बाद देव कमरुनाग अपने लाव लश्कर के साथ टारना माता मंदिर के लिए रवाना हो गए। देव कमरुनाग सात दिनों तक टारना माता मंदिर में ही विराजमान रहेंगे और यहीं पर उनके दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहेगा।
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अन्य देवी देवताओं का आना हुआ शुरु
देवता के मंडी पहुंचते ही देव कारज शुरू हो गए हैं और अब उनके बाद देवी देवताओं का आना शुरू हो गया है। सर्व देवता समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने कहा कि शिवरात्रि महोत्सव के लिए जनपद के अन्य देवी-देवता भी बड़ा देव कमरुनाग के बाद पहुंचना शुरू हो गए हैं। इनमें सुखदेव ऋषि थट्टा देव, बुड्ढा बिंगल, देव झाथी वीर, देवी बगलामुखी, देवी बुड्डी भैरवा, देव ढगांडू ऋषि मंडी पहुंच चुके हैं और देव पराशर ऋषि भी मंडी शिवरात्रि में शिरकत करने के लिए जनपद में पहुंच चुके हैं।