बिलासपुर में ठेकेदारों की हड़ताल से लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। एक ओर जहां ठेकेदारों ने सभी निर्माण कार्य बंद कर दिए गए हैं, वहीं अब अन्य विभागों की चिंताएं भी बढऩे लगी हैं। हालांकि ठेकेदारों ने अपनी समस्याओं के बारे में सरकार, संबंधित विभागों को अवगत करवाया है, लेकिन उसके बावजूद भी इस ओर कोई भी उचित कदम नहीं उठाए गए। इसके चलते ठेकेदारों ने हड़ताल शुरू की है। दूसरे दिन मंगलवार को भी ठेकेदारों की हड़ताल जारी रही। हड़ताल के चलते जिला भर में करोड़ों के विकास कार्य ठप हो गए हैं।
वहीं, मांगे नहीं मानें जाने तक ठेकेदारों ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही आगामी दिनों हड़ताल के अलावा उग्र आंदोलन को लेकर भी चेताया है। उधर, सरकार की ओर से शुरू किए गए विकास कार्य प्रभावित हो चुके हैं। ऐसे में आम लोगों को विकास कार्यों का समय पर लाभ नहीं मिल पाएगा। उधर, इस बारे में कांट्रैक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के जिला प्रधान जितेंद्र चंदेल ने बताया कि सरकार की ओर से एक ओर जहां सरकार की ओर से एक ओर जहां जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है, वहीं ठेकेदारों को एम फॉर्म भी अनिवार्य किया गया है। इसके चलते ठेकेदारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार ने इस मसले को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। इसके चलते ठेकेदारों ने हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि 22 फरवरी तक सिविल वर्क नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही इस बारे में उचित निर्णय सरकार द्वारा नहीं लिया गया तो आगामी भविष्य में यह हड़ताल उग्र रूप धारण कर लेगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।