भारत और नेपाल के रिश्तों मे आई खटास खत्म की जानी चाहिए

नेपाल हमारा पड़ोसी देश है। उसके साथ हमारे आज तक बड़े भाई और छोटे भाई जैसे रिश्ते रहे है। नेपाल भले एक छोटा देश है परन्तु उसे यह श्रेय प्राप्त है कि इसने कभी भी गुलामी का स्वाद नही चखा है। 2006 तक नेपाल विश्व का एक मात्र हिंदू राष्ट्र […]

मैकाले का शैक्षणिक षड़यंत्र

भारतवर्ष सदैव से ही विश्व में शिक्षा का केंद्र रहा। आदि काल से यहाँ शिक्षा राष्ट्र गौरव के विषय के रूप में सुशोभित रही। धर्म ग्रंथों की बहुतायत में उपलब्धता ने शिक्षा प्राप्ति के मार्ग को सुगम एवं सरल बना दिया था। यही कारण था कि भारतवर्ष में खगोल, आयुर्वेद, […]

राष्ट्र निर्माण और भारत के युवाओं की भूमिका

भारत ने अपनी आजादी 15 अगस्त 1947 को हासिल की. अंग्रेज यहां पर आए तो तिजारत के लिए थे लेकिन जब उन्होंने देखा कि हिंदुस्तानी आपस में ही छोटी छोटी चीजों के लिए  लड़ रहे हैं तो उन्होंने मौके का फायदा उठाकर भारत पर राज करना शुरू किया और बहुत […]

आई.आर.डी.पी का झोल एक व्यंग्य !

वह चीखना चाह रहा था, पर चीख गले से बाहर  निकल नहीं पा रही थी।  ऐसा लग रहा था मानो प्राण निकलने ही वाले हों। छटपटाता हुआ कमलू  किसी तरह उन मजबूत हाथों को गले से परे हटाने में कामयाब हो गया जो उसके गले  को जकड़े हुए थे।  वह […]

संकट काल में दिखता संघ का विराट रूप

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल भारत नहीं अपितु वैश्विक पटल पर भी विभिन्न विभिन्न कारणों से सर्वदा चर्चा का केंद्र रहता है । अपने 95 साल के इतिहास में एक सामाजिक सांस्कृतिक संगठन होने पर भी संघ की अधिकतम चर्चा राजनीतिक अथवा सांप्रदायिक कारणों से ही की जाती रही, निहित स्वार्थों […]