देश में पहली बार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या हुई अधिक, कुल प्रजनन दर में भी गिरावट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। कुल प्रजनन दर, राष्ट्रीय स्तर पर प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है।
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या में वृद्धि
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के सर्वे के अनुसार भारत में पुरुषों के मुकाबले अब महिलाओं की संख्या ज्यादा हो गई है। अरबी के जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं आपको बता दें कि वर्ष 2005-6 में हुए सर्वे के अनुसार यह आंकड़ा 1000-1000 का था। वहीं 2015-16 में हुए चौथे सर्वे के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या कम हुई थी। 2015-16 में 1000 पुरुषों के मुकाबले 991 महिलाएं थीं।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 2019-21 में NFHS-3 और नवीनतम NFHS-5 के बीच राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे कुछ सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों के कुल प्रजनन दर (TFR) में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण सर्वे कार्य में देश के 707 जिलों को शामिल किया गया है जिनमें जिला स्तर पर अलग-अलग अनुमान प्रदान करने के लिए 724,115 महिलाओं और 101,839 पुरुषों को शामिल किया गया।
राज्यों का हाल
एनएफएचएस -5 का पहला चरण 17 जून, 2019 से 30 जनवरी, 2020 तक और दूसरा चरण 2 जनवरी, 2020 से 30 अप्रैल, 2021 तक आयोजित किया गया था। दूसरे चरण में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का सर्वेक्षण किया गया, वे हैं अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रदिल्ली, ओडिशा, पुद्दुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। पहले चरण में शामिल 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंध में एनएफएचएस-5 के निष्कर्ष दिसंबर, 2020 में जारी किए गए थे।