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13 अप्रैल 2023
शिमला : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने नदियों व नालों में कचरा फेंकने बड़ा फैसला लिया है । न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए प्रदेश के सभी नदियों और नालों में कचरे की डंपिंग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है ।
गीले व सूखे कचरे को अलग अलग किया जाए इकठ्ठा
जनहित में दायर याचिकाओं की सुनवाई में अदालत ने पाया कि नागरिक ही नहीं, बल्कि नगर निगम निकाय भी कचरा नदियों और नालों में फेंक रहे हैं। अदालत ने इस पर तुरंत रोक लगाने के आदेश दिए हैं । इसके साथ ही सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि शिमला सहित अन्य जगहों में गीले और सूखे कचरे को अलग करने की बजाय इकट्ठा कर एक ही बोरी में भरा जा रहा है । अदालत ने सभी निकायों को आदेश दिए हैं कि इसको तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए। अदालत ने आदेश दिए हैं कि गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा कर अलग- अलग वाहनों में ले जाएँ । इसके साथ ही घर घर से कूड़ा रोज उठाने के भी निर्देश दिए हैं ।
दो हफ्ते में मांगी अनुपालन रिपोर्ट
अदालत ने कहा है कि जहां पर घर-घर से कूड़ा इकट्ठा किया जा रहा है, वहां कम से कम हफ्ते में तीन दिन कूड़ा इकट्ठा किया जाए। अदालत ने अपने आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट दो हफ्ते में तलब की है। मामले की सुनवाई 11 मई को निर्धारित की गई है। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं कि इस मामले में कोर्ट के आदेशों को अक्षरशः लागू किया जाए और वे अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करे।