हिमाचल प्रदेश के लाल चावल आज होंगे राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित
शिमला – शिमला जिले के रोहडू उपमंडल की चिडगांव तहसील के पेजा गांव के लाल चावल को आज राष्ट्रपति पुरस्कार मिलेगा । चीड़गांव मे पैदा होने वाले खास छुहारटू नाम से प्रसिद्ध लाल चावल को वीरवार जीनाम सेवियर राष्ट्रपति सम्मान लेने के लिए स्थानीय महिलाएं दिल्ली पहुंच गई है । लाल चावल चावल की खास किस्मों में शुमार होने के बाद स्थानीय किसानों में खुशी है । पेजा गांव के क्यार में उगाए जाने वाले इस चावल की विशेष पहचान यह है कि यह पौष्टिकता से भरपूर होता है। चावल की खासियत इस चावल को पकाने के बाद यह तेल छोड़ता है इसमें भारी मात्रा मे पोषक तत्व होते है।
पहाड़ों में इसका सेवन सर्दियों के मौसम में अधिक किया जाता है । अन्य चावल के मुकाबले इसमें अधिक गुणवाता पाई जाती है तथा इसे आसानी से पचाया जा सकता है ।
मिट्टी व पानी का योगदान लाल चावल को उगाने के लिए वहां की मिट्टी का काफी योगदान रहता है । वहां की चाशल की गोंद से निकलने वाली पेजोड खड्ड से होती है।
- लाल चावल मे आयरन और विटामिन से भरपूर मात्रा में होता है यह शरीर में( RBC )बनाने में मदद करता है।
- लाल चावल में तो एंथोसाइनिन नामक पदार्थ के कारण इसका रंग लाल होता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। जिसके कारण सब्जियों का फलों का रंग लाल होता है।
- यह चावल 500रुपए से 600रुपए प्रति किलो बिकता है।
लाल धान को सदियों से करीब 1000 एकड़ भूमि पर किसान परंपरागत रूप से कृषि और अन्य तरीकों से उगाते आ रहे हैं हालांकि अब पावर ट्रीलर जैसे उपकरणों का भी काफी स्तर पर प्रयोग होने लगा है परन्तु इसमें कुछ किसान अभी भी पुराने तरीके से तथा कुछ नए तरीके से लाल धान की खेती करते है । स्थानीय किसानों के अनुसार 15 किलो बीज की नर्सरी को विभिन्न खेतो मे रोपाई करने के बाद इससे लगभग 15किवंटल चावल की पैदावार होती है तथा इसकी गुणवता काफी उच्च रहती है।