कब से शुरू हो रहा है हिंदू नव वर्ष?
हिंदू धर्म में हिंदू नव वर्ष का विशेष महत्व है इस अंग्रेजी वर्ष के अप्रैल महीने की 2 तारीख हिंदू नव वर्ष का शुभारंभ होगा। इसी दिन से चैत्र नवरात्रों का भी शुभारंभ हो रहा है। महाराष्ट्र में यह पर्व ‘ग़ुड़ी पड़वा’ और आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ‘उगादि’ रूप में मनाए जाने वाले त्योहारों का शुभारंभ किसी दिन से होगा। हेमाद्रि के ब्रह्म पुराण के मुताबिक, परमपिता ब्रह्मा जी ने पृथ्वी का निर्माण चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी कि नवरात्रि के पहले दिन किया था।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र माह के पहले दिन यानी कि नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि से ही हिंदू नव वर्ष लग जाते हैं। हिंदू नव वर्ष की शुरुआत अखंड भारत के चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य (विक्रम सेन परमार) के नाम पर हुई। विक्रमादित्य अपनी प्रजा के लिए बेहद न्यायप्रिय शासक था और वह अपनी प्रजा के हितों की रक्षा भी करता था।
पौराणिक मान्यता है कि पतझड़ के बाद बसंत ऋतु का आगमन भारतीय नव वर्ष के साथ ही होता है। बसंत में पेड़-पौधे नए फूल और पत्तियों से लद जाते हैं। इसी समय किसानों के खेतों में फसल पक कर तैयार होती है। पौराणिक तथ्यों के अनुसार, इसी शुभ दिन प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक भी हुआ था।
बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों में नया साल अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि से होता है जोकि अमूमन मार्च या अप्रैल में पड़ती है। वहीं पंजाब में बैसाखी को नए साल के रूप में मनाते हैं। बैसाखी इस साल 14 अप्रैल को पड़ रही है। सिख नानकशाही कैलंडर के अनुसार, होला मोहल्ला से नए साल की शुरुआत मानी जाती है।