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23 फरवरी 2023
ऊना : हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती करने के लिए मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है । इस पद्धति से खेती में बिना मिट्टी का प्रयोग किए आधुनिक तरीके से खेती की जाती है । यह तकनीक एक कमरे में भी खेती कारोबार को न सिर्फ घरेलू अपितु व्यवसायिक तौर पर पूरी तरह स्थापित कर सकती है। हाइड्रोपोनिक तकनीक 2017 में परीक्षण के तौर पर शुरू हुई, लेकिन आज व्यवसायिक खेती की सशक्त तकनीक के रूप में कृषि कारवां की रीड की हड्डी बनती जा रही है।
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फूलों को हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाकर रचा इतिहास
ऊना जिला के प्रगतिशील किसान युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक को व्यवसायिक खेती का प्रमुख साधन बनाया है । इस तकनीक के दम पर बिना जमीन के एक कमरे में या छत पर किसी भी नकदी फसल को व्यवसाय के तौर पर उगाया जा सकता है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह तकनीक अब किसानों की तकदीर बदल रही है। प्रगतिशील किसान युसूफ खान ने खीरा, आलू, टमाटर, स्ट्रॉबेरी, पालक, लैट्यूस यहां तक कि फूलों को भी हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगा कर इतिहास रचा है।
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बंद कमरे या छत पर भी की जा सकती है यह खेती
इस खेती के लिए बहुत ही कम खर्च होगा और साथ ही यह 100 फीसदी रिजल्ट देगी । विशेष रूप से नकदी फसलों की खेती के लिए यह तकनीक रीड की हड्डी का काम करने वाली है। युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक के जरिए कई नकदी फसलों के सफल परीक्षण करने के बाद अब व्यवसायिक तौर पर हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती कारोबार शुरू कर दिया है। परीक्षण के दौरान युसूफ खान ने आलू, टमाटर, खीरा, पालक, स्ट्रॉबेरी और फूलों की खेती भी हाइड्रोपोनिक तकनीक से की। बिना मिट्टी के हाइड्रोपोनिक तकनीक से की जाने वाली खेती बेहद सफल और कारगर रही है।
हाइड्रोपोनिक तकनीक का प्रयोग करने वाले किसान युसूफ खान का कहना है कि इस तकनीक के दम पर बंद कमरे या घर की छत पर भी खेती कारोबार को बढ़ाया जा सकता है।