हिमाचल के 62 % हिस्से के सांसद थे रामस्वरूप: कौन होगा उत्तराधिकारी ?
THE NEWS WARRIOR
21 मार्च 2021
मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा अब हमारे बीच नहीं है। एक साधरण परिवार से आकर उन्होंने दो बार चुनाव लड़ा और मंडी सीट से परम्परागत रूप से भागीदरी देने वाले वीरभद्र सिंह और सुखराम परिवार को हराकर अपनी जीत का परचम लहराया। मंडी सीट अपने आप में एक अलग हे अहमियत रखती है।
सिर्फ मंडी देश की एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है जिसके अंतर्गत राज्य का लगभग तीन तिहाई के करीब क्षेत्रफल आता है। मंडी सीट 34 हजार वर्ग किलोमीटर में फैली है। वही हिमाचल प्रदेश का कुल क्षेत्रफल ही 55 हजार वर्ग किलोमीटर है। यानी मंडी का सांसद लगभग 62 % प्रदेश के हिस्से का हकदार है। इस आधार पर यह अपने आप में एक विशिस्ट लोकसभा क्षेत्र है। यह सीट मंडी कुल्लू लाहौल स्पीति के साथ साथ किनौर चम्बा के भरमौर और शिमला जिला के रामपुर विधानसभा क्षेत्रों को भी कवर करती है।
दिवगंत सांसद के आकस्मिक निधन के बाद मंडी सीट पर 6 महीने में उपचुनाव होना है। उपचनाव में कौन इस 62 % हिस्से का अब प्रतिनिधित्व करेगा यह प्र्शन लोगो के दिमाग में कौंधना शुरू हो गया है। हिमाचल में सक्रीय रूप से भाजपा और कांग्रेस दो दल है जिनकी आपसी टक्कर होती है , हालंकि आम आदमी पार्टी ने भी नगम निगम चुनाव में उतरने का फैसला कर लिया है जो बाकायदा पार्टी सिंबल पर होगा।
भाजपा कांग्रेस से उम्मीदवार सामने आएंगे यह तो तय है पर क्या आम आदमी पार्टी भी इस चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी यह भविष्य के गर्भ में है।
कांग्रेस की बात करें तो पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह और पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा पिछले दो चुनाव में उम्मीदवार रहे है। और दोनों अभी किसी भी सदन का हिस्सा नहीं हैं।
वहीँ भाजपा से लम्बे समय तक इस सीट से सांसद रहे या चुनाव लड़ते रहे कुल्लू से महेश्वर सिंह भी किसी सदन का हिस्सा नहीं है। इसके अतरिक्त भाजपा में अजय राणा , ब्रिगेडियर खुशाल चंद ठाकुर भी समय समय पर इस सीट से अपनी दावेदारी जताते रहे हैं।
यह तो सिर्फ इतिहास है भविष्य में दोनों दलों से कौन सामने आता है यह तो समय के साथ ही स्पष्ट हो पायेगा।
फिलहाल मंडी और हिमाचल के लोग सांसद के इस आकस्मिक निधन से सदमे और शोक में हैं।