The News Warrior
19 /08 /2022
चीन को सबक
चीन की तानाशाही से अब दुनिया भर के कई देश बुरी तरह से तंग आ चुके हैं. इसकी विस्तारवादी सोच का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रही है. अगर ड्रैगन की मनमानी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह दुनिया भर में दहशत फैला सकता है. इसी संकट को दूर करने के लिए कई बड़े देश लामबंद हो रहे हैं. इसी कवायद के तहत ऑस्ट्रेलिया के समुद्री इलाके में चीन को सबक सिखाने वाला युद्धाभ्यास शुरू होने जा रहा है. इस युद्धाभ्यास में अमेरिका, ब्रिटेन और भारत समेत 17 देश शामिल होंगे. यही नहीं, युद्धाभ्यास में 100 फाइटर जेट की गूंज भी सुनाई देगी. ये मेगा वॉर ड्रिल 19 अगस्त से शुरू होकर छह सितंबर तक चलेगी. वॉर ड्रिल में जर्मनी के लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे.
17 देशों की सेनाएं ले रही हिस्सा
भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया की वायुसेना भी इस बड़ी वॉर ड्रिल में हिस्सा लेगी. रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स की अगुवाई में इस मेगा वॉर ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 17 देशों की सेनाएं हिस्सा ले रही है. बताया जा रहा है कि इस मेगा वॉर ड्रिल में 100 लड़ाकू विमान और 2500 सैन्य बल शामिल होंगे. इस मेगा वॉर ड्रिल में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, जापान, इंडोनेशिया, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, फिलीपींस, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और ब्रिटेन हिस्सा लेने वाले हैं.
यूरोप से लेकर एशिया तक सैन्य हलचल
इस मेगा वॉर ड्रिल को कई तरह से खास समझा जा रहा है. रूस, चीन और अमेरिका के बीच जारी खींचतान से विश्व में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. चीन और ताइवान के बीच भी जंग जैसे हालात हैं. आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच झड़पें हो रही हैं. भारत और चीन की सीमा शांत जरूर है लेकिन हालात तनावपूर्ण हैं. ऐसे में यूरोप से लेकर एशिया तक सैन्य हलचल को महसूस किया जा सकता है. इस युद्धाभ्यास को सीधे तौर पर चीन के खिलाफ माना जा रहा है. लेकिन वैश्विक शांति के लिए यह जरूरी चीन के साथ युद्ध की शुरुआत नहीं होनी चाहिए
रचना गुप्ता
पूर्व राज्य संपादक दैनिक जागरण एवम सदस्य लोक सेवा आयोग हिमाचल
नोट:ये आर्टिकल डॉ रचना गुप्ता के फेसबुक वाल से लिया गया है
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