हिमाचल प्रदेश
ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कमल ने मनरेगा के भुगतान के लिए प्रतीक्षा कर रही लेबर को 31 मार्च से पहले पेमेंट करने का अस्वासन दिया है . अपने ब्यान में उन्होंने कहा कि 100 करोड़ का कोप्रेस फंड था. जिसमे से मटिरिअल के लिए 80 करोड़ की पेमेंट हो गई है . लेकिन लेबर की पेमेंट अभी नहीं हुई है. भारत सरकार द्वारा इसकी सूचना आ चुकी है . जिसमे उन्होंने बताया कि लेबर का भुगतान कर दिया जायेगा
मनरेगा योजना क्या है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम है। यह भारत सरकार द्वारा लागू किया गया एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे 7 सितंबर 2005 को विधान सभा में पारित किया गया है। इसके बाद 2 फ़रवरी 2006 को 200 जिलों में शुरू किया गया। शुरुआत में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा NREGA) कहा जाता था, लेकिन 2 अक्टूबर 2009 इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया।
- मनरेगा योजना विश्व की एकमात्र ऐसी योजना है जो 100 दिन रोजगार की गारंटी देती है। इस योजना के सञ्चालन के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2010-11 में 40,100 करोड़ रुपए आबंटित किये थे। देश के गरीब और बेरोजगार परिवार अपनी आजीविका के लिए इस योजना का लाभ उठा रहे है। ऐसे कमजोर आय वर्ग के लोगों को उनके ही ग्राम पंचायत में रोजगार दिया जाता है, इससे पलायन की समस्या को भी काफी हद तक रोका जा सका है।
- मनरेगा का सबसे बड़ा उद्देश्य ग्रामीण विकास और रोजगार के दोहरे लक्ष्य को प्राप्त करना है।
ग्रामीण भारत में निवास करने वाले गरीब व कमजोर आय वर्ग के परिवारों को 100 दिनों की रोजगार प्रदान करना है ताकि वे अपनी आजीविका चला सकें। - विकास कार्य के साथ साथ आर्थिक मजबूती प्रदान करना .ग्राम पंचायत स्तर पर रोजगार प्रदान करना जिससे रोजगार हेतु अन्य शहरों में होने वाले पलायन को रोका जा सकें।
- आजीविका को मजबूत करना और गरीब परिवारों की आय में वृद्धि करना।
- मनरेगा योजना का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्ग को भी मुख्य धारा में सम्मिलित करना है।
- भारत में पंचायती राज प्रतिष्ठानों को और मजबूत करना।