THE NEWS WARRIOR
07/03/2022
जन औषधि दिवस के मौके पर जन औषधि केद्रों पर आठ सौ करोड़ रुपये की बिकी दवाएं
कोरोना रोधी वैक्सीन के लिए सरकार ने खर्च किए तीस हजार करोड़ रुपये
गुणवत्ता में भी अच्छी और सस्ती दवाएं
नई दिल्ली:-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जन औषधि दिवस के मौके पर जन औषधि केद्रों पर आठ सौ करोड़ रुपये की दवाएं बिकी हैं। उन्होंने कहा कि इसके तहत सरकार मध्यम वर्ग के लोगों की जेब का धन बचाकर उन्हें फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इन केंद्र पर अब तक 21 करोड़ सैनेट्री नेपकींस बिक चुके हैं। ये एक रुपये में यहां से लिए जा सकते हैं।
कोरोना रोधी वैक्सीन के लिए सरकार ने तीस हजार करोड़ रुपये किए खर्च
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोरोना रोधी वैक्सीन के लिए लोगों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। लेकिन भारत ने इसको सभी को फ्री में लगाने का फैसला किया। इस पर अब तक सरकार ने तीस हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। सरकार ने फैसला किया है कि आधे निजी मेडिकल कालेज में अब सरकारी मेडिकल कालेज के बराबर ही फीस लगेगी। सरकार की कोशिश है कि हर जिले में एक बड़ा अस्पताल हो। सरकार ने कई दवाओं की कीमत को बेहद कम किया है।
मेडिसीन सस्ती होने के साथ-साथ गुणवत्ता में भी अच्छी
ओडिशा के सुरेश ने बताया कि उन्हें भी इससे काफी फायदा हुआ है। हर माह दवाओं पर खर्च होने वाला करीब दो से ढाई हजार रुपया अब बच जाता है। पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि वो ऐसी दवाओं के बारे में बताएंं जो दवाएं उन्हें जन औषधि केंद्र पर नहीं मिलती हैं। इसके जवाब में उन्होंने बताया कि ऐसी कोई दवाई नहीं है जो वहां पर नहीं मिलती हैं।
जन औषधि केंद्रों का सोशल मीडिया के जरिए प्रचार
कर्नाटक की बबीता से भी पीएम मोदी ने पूछा कि उन्हें इससे कैसे लाभ मिला। बबीता ने बताया कि वो इस योजना और इसके केंद्रों का लोगों के बीच जागरुक करती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वो सोशल मीडिया के जरिए इसका अधिक से अधिक प्रचार कर सकती हैं। गुजरात की उर्वशी से भी उन्होंने इसके लाभ के बारे में जानकारी हासिल की। इस मौके पर पीएम ने उनसे कहा कि वो पीएम आवास योजना का लाभ उठाने वालों के पास जाकर इस योजना के लिए उन्हें जागरुक करें। छत्तीसगढ़ के डाक्टर शैलेश की पीएम मोदी ने तारीफ की वो इस दिशा में काम कर रहे हैं।
आपको बता दें कि पूरे देश में एक मार्च से जन औषधि सप्ताह मनाया गया है। इस दौरान लोगों को इस बारे में जानकारी के साथ उनके बीच इसकी जागरुकता को बढ़ाने का भी काम किया गया है। जन औषधि परियोजना के तहत इसमें लोगों को जेनेरिक दवाओं के इस्तेमाल और इनके फायदे बताए गए।
विभिन्न कार्यक्रम किये गए आयोजित
इस दौरान कई दूसरे इवेंट भी चलाए गए जिसमें जन औषधि संकल्प यात्रा, मैत्री शक्ति सम्मान, जन औषधि बाल मित्र, जन औषधि जन जागरण अभियान, आओ जन औषधि मित्र बनाएं और जन औषधि जन आरोग्य मेला भी शामिल है। पीएम मोदी की दूर्गामी सोच पर आगे बढ़ते हुए इन दवाओं को न सिर्फ सस्ता किया गया है बल्कि लोगों तक इनकी पहुंच बनाने की भी पूरी कोशिश की गई है। पूरे देश में आज जन औषधि केंद्र के करीब 8600 स्टोर्स खुले हुए हैं जहां पर ये दवाएं आसानी से और सस्ती कीमत पर खरीदी जा सकती हैं। इसमें देश के लगभग हर जिले को शामिल किया गया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की शुरुआत पीएम नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 को की थी।इस योजना के तहत सरकार द्वारा उच्च गुणमवत्ता वाली जैनरिक दवाईयों के दाम बाजार मूल्य से कम कर इन्हें बेचा जाता है। इसके लिए सरकार ने जन औषधि स्टोर। सरकार की योजना इनके स्टोर्स अगले कुछ समय में बढ़ाकर दस हजार करने की है, जिससे ये हर जन को आसानी से हासिल हो सकें।