The news warrior
30 मई 2023
दिल्ली : हिंदी पत्रकारिता दिवस हर वर्ष 30 मई को मनाया जाता है । दरअसल इसके मनाने के पीछे की वजह यह है कि इसी दिन वर्ष 1826 में हिंदी भाषा का पहला समाचार पत्र “उदन्त मार्तंड ” प्रकाशित होना शुरू हुआ था । उदन्त मार्तंड का अर्थ है ‘समाचार -सूर्य’ । तब से लेकर 30 मई के दिन हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है । आज हिंदी पत्रकारिता 197 वर्षों की हो गई साल 2026 में हिंदी पत्रकारिता को 200 साल पूरे हो जाएंगे।
यह भी पढ़ें : अमृतसर से वैष्णो देवी जा रही बस खाई में गिरी,10 लोगों की मौत, अन्य घायल
हर मंगलवार को प्रकाशित होता था अखबार
पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने इसे शुरू किया था। इस समाचार पत्र का प्रकाशन तत्कालीन कलकत्ता शहर में होता था । शुक्ल स्वयं ही इसके प्रकाशक और संपादक थे। मूल रूप से कानपुर के रहने वाले जुगल किशोर शुक्ल वकील भी थे। वह वकील के साथ साथ पत्रकार तथा संपादक व प्रकाशक भी बन गए। उन्होंने कलकत्ता के बड़ा बाजार इलाके में अमर तल्ला लेन, कोलूटोला से ‘उदन्त मार्तण्ड’ अखबार का प्रकाशन शुरू किया था। यह साप्ताहिक अखबार हर हफ्ते मंगलवार को पाठकों तक पहुंचता था।
अंग्रेजी सरकार के खिलाफ खुलकर लिखता था अखबार
आर्थिक तंगी से प्रकाशन हो गया बंद
‘उदन्त मार्तण्ड’ के पहले अंक की 500 प्रतियां छापी गई थीं, हालांकि उस समय इस अखबार को ज्यादा पाठक नहीं मिले थे। हिंदी अखबार होने की वजह से कलकत्ता में इसके पाठक न के बराबर थे, इसलिए इसे डाक से अन्य राज्यों में भेजा जाता था । डाक दरों में बहुत ज्यादा होने की वजह से हिन्दी राज्यों में अखबार भेजना महंगा सौदा प्रतीत होने लगा । आर्थिक तंगी के चलते ‘उदन्त मार्तण्ड’ ज्यादा दिनों तक नहीं प्रकाशित हो पाया और 4 दिसंबर 1827 को यह अखबार प्रकाशित होना बंद कर दिया गया ।
यह भी पढ़ें : NPA को लेकर डॉक्टरों की पेन डाउन स्ट्राइक, मरीजों को हो रही परेशानी
“समाचार सुधावर्षण” प्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र
राजा शिवप्रसाद के नेतृत्व में 1845 में काशी से हिन्दी पत्र ‘‘बनारस अखबार’’ का प्रकाशन हुआ, गोविन्द रघुनाथ इसके संपादक थे। 1854 में हिन्दी का प्रथम दैनिक समाचार पत्र ‘‘समाचार सुधावर्षण’’ का प्रकाशन भी कलकत्ता से हुआ, बाबू श्याम सुंदर सेन के संपादतत्व में यह पत्र प्रकाशित हुआ।
हिन्दी समाचार पत्र से कम नहीं हुई दिलचस्पी
वक्त बदलता रहा और पत्रकारिता के मायने और उद्देश्य भी बदलते रहे, लेकिन हिंदी भाषा से जुड़ी पत्रकारिता में लोगों की दिलचस्पी कम नहीं हुई । देश में एक के बाद एक हिन्दी समाचार पत्र प्रकाशित होना शुरू हो गए । आज भी देश में सबसे अधिक बड़े बड़े समाचार पत्र हिन्दी भाषा में प्रकाशित होते हैं फर्क सिर्फ इतना है कि पहले के समाचार पत्र ब्लैक एण्ड व्हाइट में प्रकाशित होते थे जिनकी जगह अब रंगीन प्रिंटिंग पद्धति ने ली है ।