प्रोफेसर रामकृष्ण बने राजकीय संस्कृत महाविद्यालय डंगार के प्रिंसिपल
THE NEWS WARRIOR
बिलासपुर 28 जून
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में घुमारवीं के लोगों को श्री सरस्वती संस्कृत डिग्री महाविद्यालय डंगार का प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण करके एक बड़ी सौगात दी थी . मुख्यमंत्री जब पहली बार घुमारवीं दौरे पर आए थे, तो स्थानीय विधायक राजेंद्र गर्ग ने महाविद्यालय को सरकार के अधीन करने की मांग उनके समक्ष रखी थी। घुमारवीं उपमंडल के लोगों की पिछले करीब 30 वर्षों से उठ रही मांग को प्रदेश सरकार ने पूरा करते हुए श्री सरस्वती संस्कृत डिग्री महाविद्यालय डंगार का प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण कर लिया
28 जून सोमवार को प्रोफेसर रामकृष्ण को राजकीय संस्कृत महाविद्यालय डंगार के प्राचार्य का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया। श्री सरस्वती संस्कृत महाविद्यालय को प्रदेश सरकार ने अपने अधीन किया और अब यह महाविद्यालय राजकीय संस्कृत महाविद्यालय डंगार के नाम से जाना जाएगा।
प्रोफेसर राम कृष्ण वर्तमान में राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं इससे पूर्व वे राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर और राजकीय महाविद्यालय चौपाल में बतौर प्राचार्य अपनी सेवाएं दे चुके हैं। प्रोफेसर रामकृष्ण संगीत के प्राचार्य रह चुके हैं। राजकीय संस्कृत महाविद्यालय डंगार घुमारवीं बिलासपुर के प्राचार्य का अतिरिक्त कार्यभार संभालते हुए उन्होंने कहा कि वे इस दायित्व का पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करेंगे।
उन्होंने कहा सरकारीकरण के बाद इस महाविद्यालय को हर वो सुविधा मिलेंगी जो अन्य सरकारी कॉलेजों को मिलती हैं। सरकारीकरण से क्षेत्र के सैंकड़ों विद्यार्थियों के लिए सौगात है।
घुमारवीं चुनाव क्षेत्र के डंगार में 1962 में संचालित हुए इस महाविद्यालय की नींव डा. दीना नाथ द्वारा रखी गई थी व उस दौरान लगातार इस विद्यालय के सरकारी अधिग्रहण की मांग उठती रही थी। इससे पहले जितनी भी सरकारें आई हर सरकार के समक्ष इस मांग को क्षेत्र के लोग उठाते रहे हैं। लेकिन किसी भी सरकार ने लोगों की इस मांग को पूरा नहीं किया। बीते सप्ताह हुई कैबिनेट की बैठक में इस महाविद्यालय के सरकारीकरण का प्रस्ताव रखा व इसे केबिनेट में मंजूरी मिल गई।