तिब्बत की आज़ादी का सूर्य उगेगा भारत से: तिब्बती अधिकारी जिग्मे

0 0
Spread the love
Read Time:7 Minute, 6 Second

कल देर रात में खत्म हुआ था कार्यक्रम।

सीएए विरोध से किसान आंदोलन के पीछे भी चीन की भूमिका: एन के सूद

सेना को गांधी न बनाएं: कर्नल (रि.) सेमवाल
-बीटीएसएस के वेबिनार में बुद्धिजीवी तीखे हुए चीन पर
-तिब्बत मुद्दे पर मजबूती से साथ दे भारत: मेजर जनरल (रि) संजय सोई

-तिब्बत पर विश्व समुदाय से जनमत व जनदबाव बनाने की जरूरत: प्रो मनोज दीक्षित
-तिब्बत की आज़ादी का सूर्य उगेगा भारत से: तिब्बती अधिकारी जिग्मे

16 जून। सेना को सेना की तरह रहने दें, महात्मा गांधी न बनाएं। बिना हथियार के सेना क्या काम करेगी। पिछली सरकारों ने चीन के साथ तिब्बत सीमा पर बिना हथियार के रहने का जो एग्रीमेंट सन 93 व 96 में किया है, आज उसको खत्म करने का समय है। इसी गलत एग्रीमेंट के कारण पिछले साल गलवान में हमने 20 जवानों को खोया है। इसको नहीं बदला गया तो वह दिन दूर नहीं जब गलवान जैसी घटना की पुनरावृति हो जाये। यह विचार कर्नल डी आर सेमवाल (सेनि.) ने बीटीएसएस द्वारा आयोजित वेबिनार में व्यक्त किए।

भारत-तिब्बत समन्वय संघ (बीटीएसएस) द्वारा गलवान विजय दिवस पर आयोजित वेबिनार में बोलते हुए कर्नल सेमवाल ने केंद्र सरकार से अपेक्षा की कि वह स्कूली पाठ्यक्रमों में बांग्लादेश विजय, कारगिल विजय के साथ गलवान विजय दिवस को भी शामिल करें, ताकि आने वाली पीढ़ी अपने देश और सेना के शौर्य के बारे में विस्तार से जान सके। उन्होंने कहा कि अब भारत की सेना मजबूत स्थिति में है।

आज भारतीय सेना घाव लेने के बजाय घाव देने को तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते ही चीन ने तिब्बत सहित भारत की बहुत सारी जमीन पर कब्जा किया, लेकिन आज राजनीतिक परिदृश्य बदल रहा है। आज वैश्विक स्तर पर भारत जितना मजबूत होकर उभरा है उसके चलते आज चीन भारत पर सीधे आक्रमण करने की स्थिति में नहीं है।
वेबिनार को संबोधित करते हुए रॉ के वरिष्ठ अधिकारी रहे एन के सूद ने रहस्योद्घाटन करते हुए कहा कि चीन की साजिश को समझने की आवश्यकता है। देश में सीएए से लेकर किसान आंदोलन के पीछे भी चीन था। उन्होंने कहा कि तिब्बत ही एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर हम चीन को हरा सकते हैं और अब सरकार के साथ-साथ यहाँ की जनता को भी आक्रामक होने की जरूरत है।
वेबिनार में मेजर जनरल (सेनि) संजय सोई ने कहा कि गलवान की घटना के बाद हमारे देश में जिस प्रकार सभी लोग शहीदों के साथ खड़े हुए, उससे चीन घबरा गया और उसी के चलते वह अपने सैनिकों की संख्या को बताने को तैयार नहीं हुआ। सच यह है कि चीन अपने सैनिकों का भी कभी सम्मान नहीं करता। श्री सोई ने कहा कि गलवान की घटना के बाद सारा विश्व भारत के साथ खड़ा हुआ।

अब चीन समझ गया कि भारत अब पुराना भारत नहीं, अब नया भारत है और नए भारत की सोच आक्रामक है। तिब्बत की चर्चा करते हुए श्री सोई ने कहा कि तिब्बत से हमारा रिश्ता केवल राजनीतिक या भूमि का नहीं, अपितु धार्मिक व सांस्कृतिक भी है। आज बड़ी संख्या में तिब्बती भारत में जिस प्रकार रह रहे हैं ऐसा नहीं लगता कि वे बाहर के हैं।
श्री सोई ने कहा कि चीन तिब्बत की संस्कृति को खत्म करने के लिए लगातार साजिश रच रहा है। उसका प्रयास है कि तिब्बत अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने इतिहास को भूल जाए।

उन्होंने कहा कि आज भारत को तिब्बत के साथ डट के खड़े होने की जरूरत है।
प्रख्यात शिक्षाविद प्रो मनोज दीक्षित ने कहा कि तिब्बत पर आज वैश्विक जनमत व जनदबाव बनाने की आवश्यकता है और हम इसको जितना जल्दी बना ले जाएंगे, तिब्बत उतनी जल्दी आजाद होगा। उन्होंने कहा कि इस संघ की स्थापना ही तिब्बत को ले कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नैरेटिव बनाने को ले कर हुई है क्योंकि हम मानते हैं कि तिब्बत वास्तव में हमारी सांस्कृतिक पहचान का एक हिस्सा है।

संघ के इस आयोजन में इंडो-तिब्बत कोऑर्डिनेशन ऑफिस (इटको) के वरिष्ठ अधिकारी जिग्मे सुल्ट्रीम ने अपने संस्मरणों के साथ कहा कि भारत में रहते हुए 60 साल हो गए। आज तिब्बत और भारत की संस्कृति में कोई अंतर नहीं नजर आता। उन्होंने कहा कि 2008 से लेकर अभी तक बड़ी मात्रा में तिब्बत में आत्मदाह करने वालों की संख्या क्यों बढ रही है क्योंकि चीन वहां की धर्म-संस्कृति से उनको वंचित कर रहा है।

उन्होंने विश्वास के साथ कहा कि तिब्बत की आजादी का सूर्य भारत ही उगा सकता है। श्री जिग्मे ने कहा कि अब चीन का नकाब उतरने वाला है आज गलवान पर सभी की निगाहें हैं। खासकर विदेशी मीडिया की निगाह उस पर ज्यादा है। वह जानना चाहता है कि गलवान के बाद अब भारत किस मूड में है।

बीटीएसएस के इस सेमिनार में संयोजक डॉ अमरीक ठाकुर (राष्ट्रीय सह संयोजक, अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध, बीटीएसएस) और संचालक अखिलेश पाठक (आईआईएएस, शिमला) के साथ दुनिया के कई देशों से बुद्धिजीवी जुड़े।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
Next Post

इग्नू अध्ययन केंद्र तल्याणा में ऑनलाइन परिचय सभा का आयोजन

Spread the love इग्नू अध्ययन केंद्र तल्याणा में ऑनलाइन परिचय सभा का आयोजन THE NEWS WARRIOR BILASPUR इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्विद्यालय के विशेष अध्ययन केंद्र तल्याणा में समन्यवक डॉ राकेश कुमार वर्मा ने जनवरी 2021 में पंजीकृत 597 नए विद्यार्थियों के लिए रविवार को ऑनलाइन परिचय सभा का आयोजन किया ।इस परिचय सभा में डॉ राकेश […]

You May Like