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10 मई 2023
सोलन : मानव भारती विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री मामले के बाद एक और बड़ा खुलासा हुआ है । फोरेंसिक लैब जुन्गा को भेजे गए फर्जी डिग्रियों के नमूने और उत्तर पुस्तिकाओं की लिखावट की जांच की रिपोर्ट पुलिस एसआईटी को सौंप दी गई है । पुलिस का दावा है कि विवि में उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ हुई है। इसका खुलासा होने पर पुलिस एसआईटी ने मानव भारती विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है। अगले हफ्ते इससे संबंधित कोर्ट में फाइनल चार्जशीट पेश की जा सकती है।
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12 राज्यों में बेची गई फर्जी डिग्रियां
पुलिस एसआईटी ने उक्त फर्जी डिग्री मामले में विश्वविद्यालय के मालिक राजकुमार राणा सहित 20 लोगों को आरोपी बनाया है। मानव भारती विश्वविद्यालय के करीब 46 हजार फर्जी डिग्रियों के आवंटन के आरोप के मामले में अभियोजन विभाग ने चालान पेश करने को मंजूरी दे दी थी। एसआईटी को फोरेंसिक लैब जुन्गा भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार था। वहीं आरोप है कि संस्थान के कहने पर एजेंट फर्जी डिग्री दिलाने का सौदा करते थे। इसके अतिरिक्त जांच में पाया गया है कि 12 राज्यों में फर्जी डिग्रियां बेची गईं हैं।
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2010 से चल रहा था डिग्रियां बेचने का फर्जीवाड़ा
इनमें महाराष्ट्र, बिहार, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और बंगलूरू शामिल हैं। आरोप है कि डिग्रियां बेचने का यह फर्जीवाड़ा 2010 से चल रहा था। शैक्षणिक सत्र पूरा होते ही एजेंट डिग्रियों का सौदा कर बेचना शुरू कर देते थे । वहीं इसके लिए नकद लेनदेन किया जाता था ।
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बिना अनुमति के करवा दिए कोर्स
हाईकोर्ट की ओर से गठित टीम ने जांच में पाया कि विश्वविद्यालय की केवल 2,600 डिग्रियां ही सही पाई गईं हैं। वहीं इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने ऐसे कोर्स भी करवाए जिनकी विवि प्रबंधन के पास अनुमति नहीं थी ।