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8 जुलाई 2023
शिमला : कहते हैं जब कुछ करने का जज्बा दिल में हो तो लाख मुश्किलें भी आपकी राह नहीं रोक सकती है ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल की दृष्टिबाधित बेटी मुस्कान ने । आंखों में रोशनी का न होना मुस्कान के हौसलों को परास्त नहीं कर सका। उन्होंने अपनी प्रतिभा, लगन और कड़ी मेहनत से एक और इतिहास रच दिया है। प्रदेश के प्रतिष्ठित राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) के इतिहास में पहली दृष्टिबाधित छात्रा होने का गौरव प्राप्त करने के बाद अब उसी कॉलेज में पहली दृष्टिबाधित सहायक प्रोफेसर बन गई है। उन्होंने आरकेएमवी में संगीत की सहायक प्रोफेसर का कार्यभार संभाल लिया है।
सीएम सुक्खू ने दी बधाई
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव की उपस्थिति में मुस्कान ने आरकेएमवी की प्रिंसिपल डॉ. रुचि रमेश के समक्ष पदभार संभाला। विख्यात युवा गायिका, भारतीय चुनाव आयोग की ब्रांड एंबेसडर और प्रदेश विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी कर रही मुस्कान की सफलता पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, एडवोकेट जनरल अनूप रतन, कुलपति प्रोफसर एसपी बंसल और प्रिंसिपल डॉ रुचि रमेश ने बधाई दी है।
आरकेएमवी में पढ़ाई करने वाली पहली दृष्टिबाधित छात्रा थी मुस्कान
शिमला जिले के दूरदराज क्षेत्र चिड़गांव के गांव संदासली के किसान जयचन्द और अम्बिका देवी के घर जन्मी प्रतिभाशाली संतान मुस्कान ने बचपन से ही अपने हौसले को बुलंद रखा। माता पिता और परिवार के सहयोग ने उन्हें कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि वह दृष्टिबाधित हैं और परिवार पर बोझ है। मुस्कान ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कुल्लू से करने के बाद शिमला के पोर्टमोर स्कूल से बारहवीं तक की पढ़ाई 2012 में पूरी की । उसके बाद उन्होंने 2013 में आरकेएमवी कॉलेज में दाखिला लिया । सात दशकों के इतिहास में वहां पहली बार दाखिला लेने वाली 5 दृष्टिबाधित छात्राओं में से एक थी।
अनेक पुरस्कारों से हो चुकी हैं सम्मानित
उमंग फाउंडेशन ने मुस्कान समेत इन सभी छात्राओं को मेरिट स्कॉलरशिप प्रदान की थी। इसी संस्था की सहायता से उसने देश के पांच अन्य विद्यार्थियों के साथ 10 वर्ष पूर्व पहली बार दिल्ली के नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड से कंप्यूटर का कोर्स भी किया। उसे राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के अनेक सम्मान और पुरस्कार भी बेहतरीन गायकी के लिए मिल चुके हैं ।
अमेरिका में भी दे चुकी हैं संगीत की प्रस्तुति
मुस्कान प्रदेश की ऐसी पहली दृष्टिबाधित गायिका है जिसने भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा अमेरिका में भी संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत कर हिमाचल का गौरव बढ़ाया। कंप्यूटर में सिद्धहस्त मुस्कान सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म- जैसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप आदि पर भी सक्रिय है।
देश के अन्य दिव्यांगों युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा यदि दृष्टिबाधित बच्चों को परिवार और समाज का सहयोग और शैक्षणिक संस्थाओं में उचित वातावरण मिले तो वे कोई भी ऊंचाई छू सकते हैं। मुस्कान देश के दिव्यांगों एवं अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत है।
क्या बोली महाविद्यालय की प्रिंसिपल
प्रिंसिपल डॉ रुचि रमेश का कहना है कि उनके महाविद्यालय को मुस्कान पर गर्व है। उन्होंने कहा कि उनका महाविद्यालय दिव्यांगों के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मुस्कान के पदभार ग्रहण करने के समय उमंग फाउंडेशन की सवीना जहां, मीनाक्षी शबाब और सुमित्रा मल्लाह भी उपस्थित रही ।