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18 फरवरी 2023
शिमला : हिमाचल के 29 वें राज्यपाल के रूप में शिव प्रताप शुक्ला ने शनिवार को शपथ ग्रहण की । राज्यपाल को शपथ प्रदेश उच्च न्यायालय की कार्यवाहक न्यायधीश सबीना ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई । इस अवसर पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। शपथ लेने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि गोवर्धन एक संवैधानिक व्यवस्था के तहत काम करते हैं और उनके काम को राजनीतिक हस्तक्षेप न समझा जाए। राज्यपाल संविधान का एक उच्च पद हैं और वह राज्य सरकार के साथ समन्वय से कार्य करेंगे।
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संविधान के अनुरूप करेंगे कार्य
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के लिए भारत के राष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वह संविधान के अनुरूप कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के लिए हर सरकार मेरी सरकार होती है इसलिए सरकार को गाइड और अलर्ट करना भी उनका दायित्व है। वह पूर्व राज्यपालों द्वारा आरंभ किए गए कार्यों को पूरा करेंगे और मुख्यमंत्री से उन कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने में सहयोग करने का आग्रह भी करेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है और अब वह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए योगदान देंगे।
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नशा युवा पीढ़ी को ले रहा अपने शिकंजे में
उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में अधिकांश समय सडक़ मार्ग से ही यात्रा करेंगे ताकि वह लोगों की समस्याओं को जान सकें और हिमाचल को और करीब से समझ सकें। उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है और उन्होंने देवभूमि में ‘देवभाषा’ में शपथ लेकर इस परंपरा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में कौशल विकास के लिए भी कार्य करेंगे ताकि युवा पीढ़ी को लाभ मिल सके। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बुराई तेजी से हमारी युवा पीढ़ी, देश के भविष्य को अपने शिकंजे में ले रही है।
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उन्होंने कहा कि सबसे दुखद स्थिति यह है कि आज दूर-दराज के क्षेत्रों में भी नशा अपने पांव पसार रहा है, जिसे रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कानून और पुलिस प्रशासन अपने स्तर पर काम करता है लेकिन इसके लिए समाज को जागरूक करने की भी आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि शिक्षण संस्थानों और सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से नशामुक्ति के अभियान को और व्यापक बनाकर प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। हिमाचल देवभूमि है और यहां नशे के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस नशा निवारण जागरूकता के लिए मीडिया से भी सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने प्रदेश की जनता के आतिथ्य की सराहना भी की।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का जीवन-परिचय
शिव प्रताप शुक्ल का जन्म गोरखपुर जनपद के ग्राम रूद्रपुर पोस्ट-खजनी में 1 अप्रैल 1952 को हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ग्राम-रूद्रपुर खजनी एवं कक्षा 9 से विधि स्नातक की शिक्षा गोरखपुर में प्राप्त की। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री के रूप में भी कार्य किया। वह 1983 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुये। वर्ष 1989 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में गोरखपुर नगर विधानसभा क्षेत्र से प्रथम बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुये। इसके उपरान्त, वर्ष 1991 में पुनः निर्वाचित हुये एवं उत्तर प्रदेश में भाजपा की पहली सरकार के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सरकार में प्रारंभिक शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा एवं भाषा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का कार्यभार संभाला। उन्होंने बागवानी विभाग, खेलकूद, युवा कल्याण एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के दायित्व का निवर्हन भी किया।
वह वर्ष 1993 में पुनः विधानसभा के लिये निर्वाचित हुये। वर्ष 1996 में चौथी बार विधानसभा के लिये निर्वाचित होने के पश्चात् कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्त और राजनाथ सिंह की सरकार में कारागार विधि एवं न्याय एवं ग्रामीण विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निवर्हन किया। इसके उपरान्त, 10 जून, 2016 को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुये। उन्होंने 3 सितम्बर, 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में वित्त राज्यमंत्री, भारत सरकार का दायित्व संभाला। उन्होंने 4 जुलाई, 2022 तक राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन सुनिश्चित किया।