ई.पी.एफ. में जमा राशि पर मिलेगी अब 8.1 फीसदी ब्याज दर

The News Warrior
0 0
Spread the love
Read Time:7 Minute, 0 Second

THE NEWS WARRIOR
12/03/2022

कर्मचारियों को सरकार ने दिया जोरदार झटका

तीन से लेकर बारह फीसदी तक दी गई ब्याज

ई.पी.एफ.ओ. हैं अंशदायी पेंशन और बीमा योजना प्रदान करने वाला शासकीय संगठन

नई दिल्ली:-

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन  के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की दो दिवसीय बैठक में ईपीएफ में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है। होली की तैयारियों में जुटे कर्मचारियों को सरकार की ओर से तोहफे की आस थी, लेकिन इसके बजाय उन्हें तगड़ा झटका लगा गया है।  ई.पी.एफ.ओ. के इतिहास की बात करें तो  इसमें अब तक साल दर साल कई बदलाव देखने को मिले हैं। इस पर कभी नीमंनतम तीन फीसदी, तो कभी उच्चतम 12 फीसदी ब्याज दिया गया।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की स्थापना साल 1952 में की गई थी

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की स्थापना साल 1952 में की गई थी। आपको बता दें कि ई.पी.एफ.ओ. भारत की एक राज्य प्रोत्साहित अनिवार्य अंशदायी पेंशन और बीमा योजना प्रदान करने वाला शासकीय संगठन है। सदस्यों और वित्तीय लेनदेन की मात्रा के हिसाब से देखें तो यह विश्व का सबसे बड़ा सगठन है। इसकी पावरफुल बॉडी सीबीटी ब्याज दरों पर फैसला लेती है। केंद्रीय श्रम मंत्री इसके प्रमुख होते हैं। केंद्र सरकार का लेबर सेक्रेटरी इसका वाइस-चेयरमैन होता है। इसमें केंद्र सरकार के 5 और राज्य सरकारों के 15 प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इसमें कर्मचारियों के 10 और नियोक्ताओं के 10-10 प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं।

शुरुआत दौर में तीन फीसदी थी ब्याज दर 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के शुरुआती दौर के वित्त वर्ष में 1952-53 में पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर को तीन फीसदी तय किया गया। इसके बाद 1954-55 तक इसी दर से ब्याज मिलता रहा। फिर 1955-56 में इसे बदला गया और 1962-63 तक यह 3.50 फीसदी से 3.75 फीसदी के दायरे में रही। 1963-64 में इसे बढ़ाकर चार फीसदी किया गया और 1966-67 तक यह चार से 4.75 फीसदी तक के दायरे में रही। वित्त वर्ष 1967-68 से 1971-72 तक ये पांच फीसदी से 5.80 फीसदी तक रही। इसके बाद  1972-73 में इसे छह फीसदी और 1975-76 में इसे बढ़ाकर सात फीसदी कर दिया गया।

8.5 से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया गया

अब तक ईपीएफ ब्याज दर 8.5 फीसदी निर्धारित थी, जिसे घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां दर बीते चार दशकों से ज्यादा समय अवधि में सबसे कम है। इससे पहले 1977-78 में यह आठ फीसदी पर थी। हालांकि, अगर ईपीएफओ की शुरुआत से देखें तो पीएफ में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर 1952-53 में सबसे कम तीन फीसदी तय की गई थी, जबकि 1990 से 2001 तक यह सबसे उच्च स्तर 12 फीसदी पर रही थी। हम आपको बता रहे हैं संगठन की शुरुआत से लेकर अब तक किस वित्त वर्ष में सरकार ने कर्मचारियों को पीएफ पर किस दर से ब्याज दिया।

 

12 साल तक 12 फीसदी ब्याज दर

पीएफ ब्याज दरों में बढ़ोतरी का यह सिलसिला यहीं नही थमा और 1986-87 में इसे 11 फीसदी कर दिया गया, जो 1989 तक चला। इसके बाद मौका आया सबसे उच्च ब्याज दर का। जी हां, कर्मचारियों को तोहफा देते हुए सरकार ने 1989-90 में ब्याज दरों को 12 फीसदी तक बढ़ा दिया। यह उच्च दर 12 सालों तक निर्धारित रही यानी 2000-01 तक इसे यथावत रखा गया। लेकिन 2001-02 में इसमें बड़ा बदलाव किया गया और ब्याज दर घटाकर 9.50 कर दी गई। फिर पीएफ इंटरेस्ट रेट में कटौती का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अभी तक जारी है। हालांकि, बीच-बीच में थोड़ी राहत जरूर दी जाती रही।

ब्याज दरों में लगातार आया उतार चड़ाब 

वित्त वर्ष 2005-06 में ब्याज दर को फिर से घटाया गया और यह आठ के दायरे में आ गई। 2009-10 तक यह 8.50 पर स्थिर रही। इसके बाद 2010-11 में इसमें एक बार फिर उछाल देखने को मिला और यह 9.50 कर दी गई। लेकिन ये दर एक साल तक ही निर्धारित रही और 2011-12 में इसे कम करते हुए 8.25 कर दिया गया। तब से लेकर अब तक यह ब्याज दर आठ के दायरे में ही घूम रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में इसे एक फिर 2015-16 में बढ़ाकर 8.80 किया गया था। अब फिर से ये 40 साल पुराने स्तर पर पहुंच गई है।

बीते चार दशको में सबसे कम ब्याज दर 

आपको बता दें कि शनिवार को कटौती के बाद निर्धारित की गई 8.1 फीसदी की ब्याज दर बीते चार दशक में सबसे कम है। दरसअल, वित्त वर्ष 1977-78 में पीएम खाते में आने वाली ब्याज दर को बढ़ाकर आठ फीसदी किया गया था। 1982-83 तक यह आठ के दायरे में ही रही थी। 1982-83 में इसे एक बार फिर बढ़ाते हुए 9.15 फीसदी तय किया गया और यह 1985 तक 9.90 पर रही। समय आगे बढ़ने के साथ सरकार ने कर्मचारियों को राहत देते हुए इसमें लगातार इजाफा किया। वित्त वर्ष 1985-86 में इसे पहली बार बढ़ाकर दोहरे अंकों में कर दिया गया। उस समय पीएफ इंटरेस्ट रेट 10.15 फीसदी तय किया गया था।

 

 

 

 

 

 

ये  भी पढ़े ………………………………….

सोलर पावर प्लांट को लेकर भारत-श्रीलंका के बीच अहम समझौते पर हुए हस्ताक्षर

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अब हिमाचल के विद्यार्थी पढ़ेंगे नि:शुल्क रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

Spread the love THE NEWS WARRIOR 15/03/2022 आई.आई.टी. मंडी के वैज्ञानिक पढ़ाएंगे विद्यार्थियों को रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ग्यारवीं और बाहरवीं के विद्यार्थी 15 अप्रैल तक करवा सकते है पंजीकरण एक मई को होगी प्रवेश परीक्षा हिमाचल:- हिमाचल प्रदेश के स्कूली विद्यार्थियों को अब रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पढ़ाई जाएगी। […]

You May Like