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21 /06 /2022
मशीनों को किराए पर लेने की प्रक्रिया नियमों के अनुसार की गई पूरी, पूर्व सीपीएस मामले की करें स्टडी
हिमाचल:-
खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने पीडीएस (PDS) के तहत उचित मूल्य की दुकानों में आईआरआईएस (IRIS) स्कैनिंग से सुसज्जित ई-पास मशीनों को लेकर पूर्व सीपीएस (CPS) राजेश धर्माणी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि इन मशीनों को किराए पर लेने की प्रक्रिया नियमों के अनुसार पूरी की गई है। पूर्व सीपीएस (CPS) संभवत: 2017 के चुनाव में मिली करारी शिकस्त के सदमा से अभी उबर नहीं पाए हैं। सुर्खियां बटोरने के लिए वह आधारहीन बयानबाजी कर रहे हैं।
कंपनी का एग्रीमेंट मई 2022 तक
राजेंद्र गर्ग ने कहा कि पीडीएस (PDS) के तहत उचित मूल्य की दु तक कानों पर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के बाद वर्ष 2017 में स्थापित ई-पास मशीनों के माध्यम से खाद्यान्न वितरित किए जा रहे हैं। यह मशीनें किराए पर ली गई थीं और संबंधित कंपनी का एग्रीमेंट मई 2022 तक का था। विभाग द्वारा नई तकनीक तथा आईआरआईएस (IRIS) स्कैनिंग (आई कांटेक्ट) से सुसज्जित ई-पास मशीनों को किराए पर लेने की प्रक्रिया पिछले साल मई में ही शुरू कर दी गई थी।
23 फरवरी को तीसरी बार टेंडर प्रकाशित
गर्ग ने कहा कि नई मशीनें किराए पर लेने के लिए तैयार किया गया टेंडर दस्तावेज पिछले साल 20 दिसंबर और उसके बाद इसी साल 28 जनवरी को प्रकाशित किया गया। लेकिन, इच्छुक कंपनियों के डॉक्यूमेंट अधूरे होने के कारण उन्हें रद करना पड़ा। गत 23 फरवरी को तीसरी बार टेंडर प्रकाशित किए गए। उसमें भी केवल एक ही कंपनी ने दस्तावेज पूरे किए थे।
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एक ही कंपनी हुई क्वालीफाई
इसके बावजूद गत 25 मार्च को चौथी बार टेंडर प्रकाशित किए गए। उस समय इससे पहले की सभी प्रतिभागी कंपनियों के दस्तावेजों में पाई गई कमियां विभाग के पारदर्शिता पोर्टल पर सार्वजनिक भी की गईं। कहा कि चौथी बार टेंडर खुलने पर भी एक ही कंपनी क्वालीफाई हुई। ऐसे में नियमानुसार यह मामला मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा गया।
सारी प्रक्रिया में पारदर्शिता का रखा गया पूरा ध्यान
उन्होंने कहा कि गत 24 मई को सरकार की अनुमति के बाद गत 7 जून को टेंडर खोला गया। उसी दिन इसकी सूचना HP ई-टेंडर पोर्टल पर भी दे दी गई। अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। सारी प्रक्रिया में पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा गया है। पूर्व सीपीएस (CPS) पढ़े-लिखे हैं। उन्हें इस सारे मामले की स्टडी करने के बाद ही बयान देना चाहिए।