हिमाचल: बरमाणा-दाड़लाघाट में कर्मियों व कामगारों को काम पर नहीं आने का फरमान जारी, ACC-अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री बंद

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THE  NEWS WARRIOR
15 /12 /2022

फैक्ट्री बंद करने के पीछे कंपनी ने घाटे का तर्क दिया है

हिमाचल

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बरमाणा स्थित ACC सीमेंट की फैक्ट्री और सोलन के दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंअ फैक्ट्री अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है।

फैक्ट्री पर ताला जड़ने के बाद प्रबंधकों की ओर से कर्मचारियों और कामगारों को आज से काम पर नहीं आने का फरमान जारी कर दिया गया है। इससे सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। फैक्ट्री बंद करने के पीछे कंपनी ने घाटे का तर्क दिया है।

कंपनी प्रबंधन ने नोटिस चस्पा कर कहा है कि जब तक वित्तीय हालात में सुधार नहीं आता, तब तक कोई काम पर न आए और अगले आदेश का इंतजार करे। सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं वाले सुरक्षा कर्मचारी, बिजली व पानी विभाग की सेवाओं वाले कर्मचारियों को ही आज काम पर बुलाया है।

 कर्मचारियों व कामगारों की नौकरी खतरे में
यह नोटिस फैक्ट्री की दीवारों पर बीती शाम 5 बजे लगाया गया। इससे कर्मचारियों व कामगारों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि ACC फैक्ट्री में 300 से ज्यादा कर्मचारी और 900 से ज्यादा कामगार हैं। कुल मिलाकर 1200 से अधिक कर्मचारियों व कामगारों की नौकरी खतरे में पड़ गई है।

ट्रांसपोर्टरों पर भी संकट
बरमाणा फैक्ट्री में रोजाना कई ट्रक सीमेंट की ढुलाई करते हैं, जिनकी 2 जून की रोजी-रोटी इसी फैक्ट्री से चल रही है। इसी तरह बरमाणा फैक्ट्री की वजह से आसपास के क्षेत्रों में कई लोगों की रोजी दुकानों में विभिन्न कारोबार करके चल रही है, लेकिन फैक्ट्री पर ताला लटकने से सभी की रोजी रोटी पर संकट आ गया।

दाड़लाघाट फैक्ट्री​ में करीब 3 हजार ट्रक ऑपरेटर्स व ड्राइवरों व कंडक्टरों को भी काम नहीं रहेगा। वहीं दोनों कंपनियों के फैसले से करीब 15 हजार लोगों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पर संकट आ गया है। अंबुजा सीमेंट कंपनी के GM राजेश लखनपाल ने सीमेंट फैक्ट्री को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की पुष्टि की है।

माल भाड़े का विवाद चल रहा था
दोनों कंपनियों में माल भाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स सोसायटियों के पदाधिकारियों के बीच विवाद चल रहा था। कल हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद प्रबंधकों ने प्लांट बंद करने का फैसला लिया। कंपनी के GM राजेश लखनपाल ने बताया कि कंपनी ने ऑपरेटर्स सोसाइटियों से रेट कम करने को कहा था।

कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने का तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमेंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह स्थिति रही तो रही तो सीमेंट उत्पादन को ही बंद करना पड़ेगा। सरकार ने 18 अक्तूबर 2005 को माल भाड़ा 6 रुपए प्रति टन प्रति किलोमीटर निर्धारित किया था।

इसलिए सोसायटियों को इस रेट पर माल ढुलाई करनी होगी। कंपनी व सोसायटियों के पदाधिकारियों के बीच हुई बैठक में रेट को लेकर चर्चा हुई। सोसायटियों का कहना था कि वर्ष 2019 से माल भाड़ा बढ़ना देय है। सरकार ने जब माल भाड़े का रेट तय किया था कि जब डीजल के रेट बढ़ेंगे, उसी अनुपात में माल भाड़ा भी बढ़ेगा। इस विवाद के कारण कंपनी ने उत्पादन बंद करने का फैसला लिया।

कंपनी का तर्क
कंपनी प्रबंधन ने नोटिस में कहा है कि परिवहन और कच्चे माल की लागत में वृद्धि और बाजार की मौजूदा स्थिति के कारण सीमेंट की ढुलाई में भारी कमी आई है। इससे कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसे देखते हुए ACC प्रबंधन ने सीमेंट फैक्ट्री के संचालन और प्लांट से संबंधित सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है।

  सहयोग की अपील ACC प्रबंधन ने
ACC प्रबंधन ने सभी से इस संबंध में सहयोग करने का अनुरोध किया है, लेकिन फैक्ट्री बंद होने से ट्रक परिवहन पर निर्भर बरमाणा से लेकर स्वारघाट तक छोटे-छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यवसायियों पर भी असर पड़ेगा।

अडानी ने खरीदे दोनों प्लांट
बता दें कि बीते दिनों अडानी समूह ने ACC और अंबुजा सीमेंट के दोनों प्लांटों को खरीदा है। ACC की गगल इकाई की स्थापना वर्ष 1984 में की गई थी। कुछ वर्ष पहले तक विदेशी कंपनियां होलसिम व लाफार्ज रन कर रही थी और अब अडानी समूह का हिस्सा बन गई हैं।

फैक्ट्री और ट्रक ऑपरेटर यूनियन में रहा विवाद
BDTC यानि बिलासपुर डिस्ट्रिक्ट ट्रक सोसायटी एशिया की सबसे बड़ी ट्रक ऑपरेटर यूनियन मानी जाती है। इसका लंबे समय से ढुलाई की दरों की वजह से विवाद रहा है। बीते कुछ दिनों से ट्रांसपोर्टरों को सीमेंट ढुलाई का कम काम मिल रहा था। इससे ट्रांसपोर्टर पहले ही परेशान थे। अब फैक्ट्री पर ताला लटकने के बाद निश्चित तौर पर सबकी मुश्किलें बढ़ेंगी।

बता दें कि अंबुजा सीमेंट के दाड़लाघाट स्थित प्लांट में रोजाना 5 से 6 मीट्रिक टन उत्पादन होता है। यहां से देश भर में सीमेंट की सप्लाई होती है। जिले के अन्य सीमेंट प्लांट को मिलाकर 7 से 8 फीसदी सीमेंट का उत्पादन होता है। गुजरात, बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत हिमाचल में सीमेंट सप्लाई होता है। प्लांट बंद होने से हिमाचल में काफी असर पड़ेगा।

 

 

 

 

 

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