हिमाचल प्रदेश: स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल देश भर में पहले तीन स्थानों पर काबिज

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15/04/2022

15 अप्रैल, 1948 को अस्तित्व में आया था हिमाचल प्रदेश

हिमाचल देश भर में स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य कई क्षेत्रों में पहले तीन स्थानों पर है काबिज

एक लाख लीटर पानी का टैंक बनाकर हर घर में पहुंचाया पेयजल

हिमाचल प्रदेश:-

हिमाचल प्रदेश 15 अप्रैल, 1948 को अस्तित्व में आया था। हिमाचल प्रदेश आज कई क्षेत्रों में देश में अव्वल है। यानी स्वास्थ्य और शिक्षा सहित अन्य कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें हिमाचल देश भर में पहले तीन स्थानों पर काबिज है। 1948 में हिमाचल का क्षेत्रफल 10451 वर्ग मील था जो अब 55673 वर्ग किलोमीटर है। इसके अलावा जनसंख्या 11.09 लाख थी, 1971 में पूर्ण राज्‍यत्‍व का दर्जा मिलने के दौरान 34.60 लाख और आज 68 लाख से ज्‍यादा हो गई है। तब पुरुष 17.67 लाख थे अब 34.82 लाख हैं, जबकि महिलाएं 16.93 लाख थीं और आज 33.82 लाख हैं।

1948 में चार जिले थे और 34 उपमंडल 

साक्षरता दर 4.8 प्रतिशत थी जो आज 82.80 प्रतिशत है। 1948 में चार जिले चंबा, महासु, मंडी व सिरमौर थे, अब 12 जिले हैं। तब उपमंडल 34 थे और आज 78 हैं। तहसील व उपतहसील 53 थीं आज 182 हैं। प्रदेश में नगर निगम एक था, आज पांच हैं।

हर क्षेत्र का हुआ विकास

1948 में 2062 पंचायतें थीं और आज 3615 हैं। प्रति व्यक्ति आय 240 रुपये थी जो आज 201854 रुपये है। सकल घरेलू उत्पाद 27 करोड़ था यह आज 156522 करोड़ रुपये है। खाद्यान्न उत्पादन 1.99 लाख मीट्रिक टन था आज 16.74 लाख मीट्रिक टन है। फलोत्पादन 1200 मीट्रिक टन से 4.82 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। सड़कों की लंबाई 228 किलोमीटर थी आज 40020 किलोमीटर सड़कें हैं, जबकि पुल 231 थे जो आज 2306 हैं।

इन कार्यों ने दिलाया इनाम

80 फीसद पशुपालकों की चारे की समस्या को दूर करवाया, विकास कार्यों में आड़े आ रही कृषि व वन विभाग की एनओएस की समस्या को दूर किया। 15 हेक्टेयर बंजर भूमि पर उन्नत घास लगवाई गई।  पंचायत क्षेत्र में बांस के पौधे लगाए। घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सोपिट में डालकर पानी के सदुपयोग की प्रक्रिया शुरू करवाई। एक लाख लीटर पानी का टैंक बनाकर हर घर में पेयजल पहुंचाया। प्राकृतिक पानी के उपयोग से पंचायत क्षेत्र में पेयजल समस्या का समाधान किया, पंचायत के गांवों को सड़क से जोड़ा। पंचायत घर का सुंदरीकरण किया। ग्राम सभा की बैठक के लिए सामुदायिक भवन बनाया। सौर मिशन के तहत स्ट्रीट लाइटें भी लगाईं।

 

 

 

 

 

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