The news warrior
12 जून 2023
शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा शिमला में सोमवार को बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर बाल सत्र का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की और बाल सत्र की कार्यवाही देखी । इस सत्र में हिमाचल सहित 8 राज्यों के 68 बच्चों ने मुख्यमंत्री, पक्ष-विपक्ष के नेता की भूमिका निभाई । जिसमें लविश नेगी ने स्पीकर, राघव ने डिप्टी स्पीकर व
जाह्नवी ने बतौर मुख्यमंत्री, तुषार ने उप मुख्यमंत्री व अन्य बच्चे कैबिनेट मंत्रियों की भूमिका में नजर आए ।
यह भी पढ़ें : UPSC सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी, 14,624 अभ्यर्थी पास
शिक्षा के सुधार तथा लोगों की समस्याओं के बारे में पूछे प्रश्न
सीएम ने इसमें भाग लेने वाले सभी बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि जीवन में सफलता के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है और जब तक सफलता नहीं मिलती तब तक निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के सवाल नए हिमाचल की नींव रखते हैं और उनके सवाल-जवाब देखकर इस बात का विश्वास और दृढ़ हुआ कि हिमाचल प्रदेश का भविष्य सुरक्षित है। ‘बच्चों की सरकार कैसी हो’ विषय पर आयोजित इस बाल सत्र में ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की गई और बच्चों ने शिक्षा के सुधार तथा लोगों की समस्याओं के बारे अनेक प्रश्न पूछे। इस दौरान नन्हें बच्चों में तीखी बहस हुई ।
यह भी पढ़ें : कन्या विद्यालय घुमारवीं की छात्रा स्वस्तिका राष्ट्रस्तरीय योग प्रतियोगिता के लिए चयनित
बाल सत्र पर आए सुझावों पर विचार करेगी सरकार
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बाल सत्र के दौरान स्कूलों में योगाभ्यास के लिए विशेष सत्र आयोजित करने के सुझाव पर विचार करने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि बाल सत्र के दौरान आए अन्य सुझावों पर राज्य सरकार गम्भीरता से विचार करेगी।