25 जून इतिहास का काला दिवस : भाजपा

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24/06 /2022 

इस दिन 1975 में देश में घोषित हुई थी इमेरजैंसी 

तिलक राज एवम मीडिया प्रभारी सुमीत शर्मा ने संयुक्त ब्यान में दिया ,25 जून को इतिहास का काला दिवस करार 

ऊना:

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव एवम इस अभियान के प्रदेश संयोजक तिलक राज एवम सह संयोजक व प्रदेश सह मीडिया प्रभारी सुमीत शर्मा ने संयुक्त ब्यान में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में 25 जून को इतिहास का काला दिवस करार दिया है।

इन्होंने बताया कि 25 जून को आपातकाल का काला दिवस उस समय की इंदिरा गांधी और कांग्रेस की सरकार की तानाशाही, परिवारवाद, सत्ता प्रेम और अवसरवादी सोच और नीतियों के विरोध में लगातार गत 45 वर्षों से मनाया जाता है।

इन्होंने बताया कि 25 जून 1975 को देश के आमजन के अधिकारों को उस वक़्त की इंदिरा सरकार ने दमन कर दिया था।इस लिए आपातकाल को देश के अंदर काला दिवस के रूप में मनाया जाता है।

यही नहीँ उस वक़्त मीडिया हाउस की आवाज़ को भी कांग्रेस की दमनकारी नीतियों द्वारा दमन कर दिया है।यही नहीं देश के लगभग 1,40,000 से ज्यादा सत्याग्रही और विपक्षी नेताओं को रातों-रात जेल में भेज दिया गया था। यही नहीं भारतीय जनता पार्टी के बहुत से वरिष्ठ नेता जिन्होंने उस वक्त की इंदिरा सरकार की नीतियों के विरोध में आवाज उठाई थी जिसमे जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी जैसे सरीखे नेताओं को भी रातों-रात सलाखों के पीछे पहुंचाया गया था।वहीं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, महिला नेता श्यामा शर्मा, पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा के साथ-साथ महेंद्र सोफ्त और स्वर्गीय जगत सिंह नेगी को भी सरकार के जुल्मों के खिलाफ आवाज उठाने के चलते अन्य जनसंघ नेताओं के संग जेल में भेज दिया गया था।बताते चलें आपातकाल 25 जून 1975 को से लेकर 21 मार्च 1977 तक चला और इस दौरान आम नागरिक को वैचारिक और निजी अधिकारों से महरूम कर दिया गया।

इन्होंने ने बताया कि आपातकाल का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस का नेतृत्व देश की सत्ता पर परिवारिक रूप से कब्ज़ा करना था कांग्रेस नेता मानते थे कि देश की सत्ता एक ही परिवार की ही सत्ता है। नेहरू के बाद यदि किसी को सत्ता में बने रहना चाहिए तो इंदिरा गांधी है और उनके पश्चात उनकी अगली पीढ़ी। इसलिए इस परिवारवाद के जहर ने उस वक़्त देश की राजनीति के अंदर दिल्ली में बैठे माँ बेटे के इशारे से पूरे देश को कठपुतली की तरह नाचने पर मजबूर कर दिया था। यहीँ नहीं उन दोनों का इरादा देश का विकास न कर बल्कि अपने निजी इरादों में कामयाब होने का था।यही कारण है देश के लाखों लोगों ने आपातकाल का दंड कांग्रेस की कारण सहा जिसे आज भी जो जीवंत हैं वो इस दंश को भूल नहीं है।

इस अभियान के प्रदेश संयोजक व सचिव तिलक राज व सह संयोजक प्रदेश मीडिया सह प्रभारी सुमीत शर्मा ने बताया कि इस आपातकाल के लिए देश की जनता कांग्रेस को कभी भी माफ नहीं करेगी और इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी ने इंदिरा गांधी और कांग्रेस की उस वक़्त की दमनकारी, तानाशाही, सत्ता प्रेम और अवसरवादी सोच नीतियों को जन तक पहुंचाने के मण्डल, जिलों सहित पूरे प्रदेश के अंदर आपातकाल को काला दिवस मनाने का कार्यक्रम के आयोजन करने जा रही है और आपातकाल के समय जेल में रहे सत्याग्रहियों को 25 जून के दिन अपने अपने मंडल और जिला स्तर पर सम्मानित करने का काम करेगी और भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्त्ता अपने घर में इस काले दिन के दागों को भुलाने के लिए 5 दीपक जलाने का काम अपने घरों में करेंगे।

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