250 करोड़ रुपए के छात्रवृति घोटाले में CBI ने 7 लोगों को किया गिरफ्तार

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09/04/2022

छात्रवृति घोटाले में CBI ने 7 लोगों को किया गिरफ्तार

हिमाचल हाईकोर्ट ने मामले में धीमी जांच पर नाराजगी जताने पर एजेंसी ने तेज की जांच

मई 2019 में FIR की गई थी दर्ज

शिमला:-

देशभर में हिमाचल का नाम खराब करने वाले 250 करोड़ रुपए के छात्रवृति घोटाले में CBI ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले हिमाचल हाईकोर्ट ने मामले में धीमी जांच पर नाराजगी जताई थी। CBI को जल्द कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर करनी है। इससे पहले ही एजेंसी ने 5 निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधक रजिस्ट्रार समेत अन्य कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है। छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर मई 2019 में FIR दर्ज की गई थी। घोटाले में संलिप्त 27 संस्थानों में से 19 हिमाचल व 8 प्रदेश से बाहर के हैं।

इन लोगों को किया गया गिरफ्तार

घोटाले में नए-नए व चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। CBI ने ITFT न्यू चंडीगढ़ के गुलशन शर्मा, कालाअंब स्थित हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट के विकास बंसल, एपैक्स संस्थान इंद्री करनाल के रजनीश, ICL संस्थान अंबाला के संजीव प्रभाकर, रजिस्ट्रार लेफ्टिनेंट कर्नल जोगेंद्र सिंह, हिमालयन ग्रुप आफ प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट कालाअंब के रजिस्ट्रार पन्ना लाल शिवेंद्र को गिरफ्तार किया है। इनका नाम छात्रवृत्ति घोटाले से जोड़कर देखा जा रहा है।

पंजाब, हरियाणा और नाहन में धरे

CBI को घोटाले में इनकी संलिप्ता के प्रमाण मिले हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, इन्हें पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के नाहन से गिरफ्तार किया गया है। इन पर आरोप है कि इनकी मदद से राष्ट्रीयकृत बैंकों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। सैंकड़ों पात्र बच्चों की सब्सिडी इनके द्वारा हड़पी गई है। निजी संस्थान संचालकों ने राज्य के बाहर बैंकों की मदद से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है।

छात्रों के बैंक खाते से हड़पी गई राशि

बताया जा रहा है कि छात्रों से खाली चेक लेकर प्रबंधकों ने छात्रवृति का पैसा हड़पा है। छात्रवृति हड़पने वाले संस्थानों में ITFT, हिमालय, नाइलेट, केसी पड़ोगा व ऊना, सुखविद्र ग्रुप, विद्या ज्योति, पवाबा खरड़ आदि संस्थान शामिल हैं। स्कॉलरशिप की राशि डकारने के लिए SC छात्रों के फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए थे।

संस्थान छोड़ चुके छात्रों के नाम पर भी हड़पे पैसे

CBI सूत्रों की मानें तो कुछ संस्थानों ने उन छात्रों के दस्तावेजों को भी अपने पास रख लिया, जिनको काउंसिलिंग के बाद एडमिशन नहीं मिली। ऐसे बच्चों के नाम पर भी निजी संस्थानों ने छात्रवृति को हड़पा है। जो छात्र दूसरे संस्थानों के लिए माइग्रेट हुए हैं, उनके दस्तावेजों के जरिए भी कुछ संस्थानों ने सब्सिडी हजम की है।

प्रवर्तन निदेशालय अटैच कर चुका संपत्ति

छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीते दिनों पंजाब के एक संस्थान की करीब 4.50 करोड़ की संपत्ति को भी अटैच किया था। संस्थान का हिमाचल के ऊना में भी अध्ययन केंद्र है। संस्थान पर 800 से अधिक छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप है।

 

 

 

 

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