केरल स्थित स्टार्ट-अप ने राष्ट्रीय स्तर के दो प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किए
केरल स्थित एक चिकित्सा प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप ने भारत सरकार की चिकित्सा उपकरण श्रेणी में स्टार्टअप इंडिया ग्रैंड चैलेंज 2021 का विजेता का पुरस्कार प्राप्त किया है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान, श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम के एससीटीआईएमएसटी-टाइमेड टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्क्यूबेटर द्वारा पोषित स्टार्ट-अप सास्कैन मेडिटेक ने भारत सरकार के औषधीय विभाग के साथ स्टार्टअप इंडिया और इन्वेस्टइंडिया.कॉम द्वारा आयोजित ग्रैंड चैलेंज में 15,00,000 रुपये का नगद अनुदान प्राप्त किया है।
इस पुरस्कार की घोषणा नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत द्वारा कड़ी मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद की गई और इस ग्रैंड चैलेंज में हिस्सा लेने वाले 310 स्टार्ट-अप में से “सास्कैन” का चयन किया गया।
सास्कैन मेडिटेक ने मुंह में कैंसर से पूर्व घावों का शुरुआत में पता लगाने के लिए एक सटीक और किफायती उपकरण, ओरलस्कैन विकसित किया है। यह एक बायोफोटॉनिक प्रौद्योगिकी आधारित उपकरण है और इसके नैदानिक परीक्षणों के परिणाम को एक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। ओरलस्कैन को अक्टूबर 2020 में जारी किया गया था और यह उपकरण भारत के आठ राज्यों में पहुंच गया है।
सास्कैन का दूसरा उत्पाद सर्वाइस्कैन, सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग और सर्वाइकल कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए एक हाथ से चलने वाला एक गैर-इनवेसिव डिवाइस, को जल्द जारी किया जाएगा। हाल ही में इस स्टार्टअप को अंजनी माशेलकर फाउंडेशन की ओर से “अंजनी माशेलकर इनक्लूसिव इनोवेशन अवार्ड 2021” के विजेता के रूप में भी चुना गया था, जो पूरे देश से आवेदनों की समीक्षा करने के बाद एक प्रख्यात जूरी द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षेत्र में समाज के लिए मूल्यों को बढ़ावा देने वाले लोगों की पहचान करने, पुरस्कृत करने, प्रोत्साहित करने में संलग्न है।
सास्कैन की स्थापना डॉ. सुभाष नारायणन द्वारा की गई है जोकि वैज्ञानिक से एक बायोमेडिकल उद्यमी बन गए है। नारायणन का फोकस बायोफोटॉनिक और संबद्ध प्रौद्योगिकियों के आधार पर कैंसर की देखभाल और स्क्रीनिंग के लिए सस्ती स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों व समाधानों को विकसित करने पर है। इसे बीआईआरएसी का बायोटेक्नोलॉजी इग्निशन ग्रांट (बीआईजी) और ओरलस्कैन विकसित करने के लिए भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा निधि सीड सहायता भी मिली है।