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6 सितंबर 2023
कांगड़ा : हिमाचल को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता है । यहाँ देवी देवताओं के अनेकों मंदिर हैं और इनकी अपनी अपनी अलग मान्यता है । ऐसा ही दुनिया का एक मात्र मंदिर कांगड़ा जिला के नूरपुर श्री बृजराज स्वामी मंदिर है । यह मंदिर एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ राधा नहीं बल्कि मीराबाई विराजमान हैं । राजस्थानी शैली की काले संगमरमर से बनी श्रीकृष्ण व अष्टधातु से बनी मीरा की मूर्ति आज भी नूरपुर के इस ऐतिहासिक श्री बृजराज स्वामी मंदिर में शोभायमान हैं।
मंदिर से आने लगी घुंघरूओं की आवाजें
इस मंदिर के इतिहास के साथ एक रोचक कथा जुड़ी हुई है। यह उस समय की बात है (1629 से 1623 ई.) जब नूरपुर के राजा जगत सिंह अपने राज पुरोहित के साथ चितौडग़ढ के राजा के निमंत्रण पर वहां गए। राजा जगत सिंह व उनके पुरोहित को रात्रि विश्राम के लिए जो महल दिया, उसके बगल में एक मंदिर था। जहां रात के समय राजा को उस मंदिर से घुंघरूओं तथा संगीत की आवाजें सुनाई दी। राजा ने जब मंदिर में बाहर से झांक कर देखा तो एक औरत कमरे में श्रीकृष्ण की मूर्ति के सामने भजन गाते हुए नाच रही थी।
चितौडग़ढ़ के राजा ने खुशी खुशी दे दी मूर्तियाँ
राजा ने सारी बात राज पुरोहित को सुनाई। पुरोहित ने भी वापसी पर राजा (चितौडग़ढ़) से इन मूर्तियों को उपहार स्वरूप मांग लेने का सुझाव दिया, क्योंकि श्री कृष्ण व मीरा की यह मूर्तियां साक्षात हैं। राजा जगत सिंह ने चितौडग़ढ़ के राजा से इन मूर्तियों को ले जाने की इच्छा जताई । चितौडग़ढ़ के राजा ने भी खुशी-खुशी वे मूर्तियां व मौलश्री का पेड़ राजा जगत सिंह को उपहार के रूप में भेंट कर दिया ।
वहाँ से आने के बाद नूरपुर के राजा ने अपने दरबार-ए-खास को मंदिर का रूप देकर इन मूर्तियों को वहां पर स्थापित कर दिया और आज भी यह मूर्तियाँ श्री बृजराज स्वामी मंदिर में शोभायमान हैं ।