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12/05/2022
हिमाचल के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में गठित स्टेट लेवल सैंक्शनिंग कमेटी में प्लान को मिली मंजूरी
जल शक्ति विभाग को सबसे ज्यादा 152.08 करोड़ रुपए का बजट हुआ मंजूर
शिमला :-
हिमाचल के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में गठित स्टेट लेवल सैंक्शनिंग कमेटी (SLSC) ने 222.55 करोड़ रुपए के एक्शन प्लान को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के (PMKSY) तहत मंजूर इस एक्शन प्लान को अब फंडिंग के लिए केंद्र को भेजा जाएगा।
केंद्र से बजट मिलने के बाद इसे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न सिंचाई योजनाओं के निर्माण पर व्यय किया जाना है। PMKSY के तहत केंद्र सरकार सिंचाई योजनाओं के निर्माण के लिए हर साल बजट देती है। इससे पहले SLSC से एक्शन प्लान को मंजूरी अनिवार्य होती है।
जल शक्ति विभाग को सबसे ज्यादा बजट की मंजूरी
SLSC ने जल शक्ति विभाग का सबसे ज्यादा 152.08 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। इसी तरह कृषि व बागवानी विभाग का 32.67 करोड़ और ग्रामीण विकास विभाग का 37.80 करोड़ का बजट मंजूर किया है।
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2016 में मोदी सरकार ने शरू की योजना
PMKSY केंद्र प्रायोजित योजना है। मोदी सरकार ने मोर क्रॉप मोर ड्रॉप का नारा देते हुए साल 2016 में कृषि, बागवानी, जल शक्ति तथा ग्रामीण विकास विभाग की सभी सिंचाई योजनाओं का कनवरजेंस किया। यानी सिंचाई की विभिन्न विभागों की योजनाएं खत्म करके PMKSYके तहत ही बजट देने का प्रावधान किया। इस योजना से हिमाचल को 90:10 के अनुपात में बजट देने का प्रावधान है।
योजना शरू होने से हिमाचल का बजट हुआ कम
PMKSY से पहले विभिन्न विभागों को केंद्र से आधा दर्जन सिंचाई स्कीमों के तहत हर साल 500 से 800 करोड़ रुपए का बजट केंद्र से मिलता था, लेकिन PMKSY के शुरू होने के बाद से यह बजट आधे से भी कम रह गया।
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हिमाचल को मंजूर बजट भी पूरा नहीं दे रही केंद्र
इसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है, क्योंकि प्रदेश में अभी तक विभिन्न फसलों के अधीन कुल भूमि का केवल 20 प्रतिशत ही सिंचाई योग्य है, जबकि 80 प्रतिशत भूमि पर किसानों की फसलें पूरी तरह बारिश के पानी पर निर्भर करती है। केंद्र से कम बजट मिलने की वजह से राज्य में सिंचाई योजनाओं का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
बीते साल की अपेक्षा इस बार 7 करोड़ अधिक बजट
आलम यह है कि जितना बजट SLSC और केंद्र सरकार द्वारा अप्रूव किया जाता है। वह भी पूरा नहीं दिया जा रहा है। बीते साल भी 214.05 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया था, लेकिन मिला डेढ़ सौ करोड़ भी नहीं है। इस लिहाज से चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बीते साल की तुलना में 7 करोड़ बजट ज्यादा मंजूर किया गया है।
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