THE NEWS WARRIOR
26 /04 /2022
मंत्रिमंडल की कल होने वाली बैठक में कोरोना की चौथी लहर से बचाव को लेकर होगी चर्चा
स्वास्थ्य विभाग ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट
प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना अनिवार्य
मंत्रिमंडल की बैठक में नौकरियों का पिटारा खुलना तय
हिमाचल प्रदेश:-
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की कल होने वाली बैठक में कोरोना की चौथी लहर से बचाव को लेकर चर्चा होगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। यह रिपोर्ट प्रधान सचिव सुभाषीश पांडा के पास पहुंचेगी और मंत्रिमंडल की बैठक में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को लेकर प्रेजेंटेशन होगी। कोरोना बंदिशों पर सख्ती कर सकती है। प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। लेकिन अब चालान का आदेश भी जारी हो सकता है।
नौकरियों का पिटारा खुलना तय
इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल की बैठक में नौकरियों का पिटारा खुलना तय माना जा रहा है। सभी सरकारी विभागों में रिक्त पड़े क्रियाशील पदों को भरने का विषय आएगा। प्रदेश के लोगों को 125 यूनिट बिजली नि:शुल्क दिए जाने की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणा का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में आएगा। अभी तक सरकार ने 60 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की थी और यह लागू भी हो चुकी थी।
सूखे की स्थिति पर चर्चा
प्रदेश में सूखे की स्थिति पर चर्चा हो सकती है। पहला मौका है कि राज्य में मार्च महीने के अंत में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए थे और अप्रैल में गर्मी बढ़ने से स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। भले ही अभी तक राज्य में पेयजल संकट गहराने के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन शिमला शहर सहित प्रदेश के शहरी और कई स्थानों पर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी दूसरे-तीसरे दिन आ रहा है।
आयकर राज्य सरकार के खजाने से भरा जाने पर शुरू हुई थी बहस
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों व विधायकों का आयकर राज्य सरकार के खजाने से भरा जाने पर बहस शुरू हुई थी। जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया था कि मुख्यमंत्री, सरकार के मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष व विधायक अपना आयकर स्वयं भरेंगे। इस संबंध में अध्यादेश लाने की प्रक्रिया पर सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से ड्राफ्ट तैयार किया गया है और इस ड्राफ्ट को विधि विभाग के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। विधि विभाग की स्वीकृति के बाद यह मामला दोबारा मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा।
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