जो यह बोल रहे कोरोना कुछ नहीं यह खबर जरुर पढ़ें रिटायर्ड जज की पत्नी की अर्थी उठाने तक को कोई नहीं मिल रहा

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जो यह बोल रहे कोरोना कुछ नहीं यह खबर जरुर पढ़ें रिटायर्ड जज की पत्नी की अर्थी उठाने तक को कोई नहीं मिल रहा

*3 दिन एंबुलेंस का इंतजार कर रिटायर्ड जज की पत्नी ने दम तोड़ा, अब अर्थी उठवाने के लिए लगा रहे गुहार

कोरोना ने लोगों को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा कर दिया है कि वह चाहकर भी अपनों के लिए भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. देश के अलग अलग हिस्सों से ऐसी कई कहानियां सामने आ रही हैं, जो इस हकीकत को बयां कर रही हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रिटायर्ड जिला जज और उनकी पत्नी कोरोना पॉजिटिव हो गए. वो लगातार हेल्पलाइन नंबर पर फोन करते रहे कि कोई एंबुलेंस भेज कर अस्पताल पहुंचा दे. लेकिन कोई मदद नहीं मिली. अब उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया है और शव उठाने वाला तक नहीं है. रिटायर्ड जज ने मदद के लिए लेटर लिखा है.

आजतक से जुड़े आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ के गोमती नगर में रहने वाले 67 साल के रिटायर्ड जिला जज रमेश चंद्रा अपनी 64 साल की पत्नी मधु चंद्रा के साथ रह रहे थे. दोनों कोरोना पॉजिटिव हो गए. अस्पताल में भर्ती होने के लिए वह प्रशासन को फोन करते रहे, लेकिन बस पांच मिनट कहकर 3 दिनों से कोई मदद उन तक नहीं पहुंची. इलाज का इंतजार करते-करते उनकी पत्नी की मौत हो गई. घर में कोई नहीं है, जो डेड बॉडी को उठा सके.

रमेश चंद्रा ने पत्र लिखकर अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर शेयर की है. इस लेटर में उन्होंने लिखा है,

मधु चंद्रा का आज 10 बजे स्वर्गवास हो गया. मैं कल सुबह 7  बजे से लगातार पचासों बार प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराए गए नंबरों पर फोन करता रहा. परन्तु ना तो कोई घर पर दवा देने आया और ना ही अस्पताल में भर्ती की प्रक्रिया की गई. प्रशासन की लापरवाही के कारण मधु चंद्रा का स्वर्गवास हो गया. वर्तमान समय में स्थिति यह है कि कोई डेड बॉडी उठाने वाला नहीं है, कृपया मदद की जाए.

रिटायर्ड जज का लेटर

कोरोना की वजह से लखनऊ की हालत बहुत खराब है. अस्पतालों में बेड्स की कमी है. ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए मारामारी हो रही है. अस्पताल क्या, लखनऊ में इस वक्त श्मशान घाट के बाहर भी अंतिम संस्कार के लिए लाइन लग रही है.

इससे पहले लखनऊ से ही खबर आई थी कि 70 साल के कोरोना पॉजीटिव मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ लेकर परिवारवाले दर-दर भटकते रहे, लेकिन किसी अस्पताल में भर्ती नहीं करा सके. उनका कहना है कि किसी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं था, हर जगह मरीज वेटिंग में थे. थक हार कर परिवार वाले बुजुर्ग मरीज को लेकर घर वापस आ गए.

क्या इस खबर को पढने के बाद भी आप कहेंगे की कोरोना कुछ नहीं है अभी भी सम्भल जाएं और मास्क दो गज दूरी का पालन करें खुद भी बचें और समाज को भी बचाएं .

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