THE NEWS WARRIOR
12/05/2022
चेयरमैन के तबादले से शक के घेरे महकमा
सिविल सर्विसिज बोर्ड की सिफारिश पर राज्य सरकार ने किया तबादला
शिमला:-
हिमाचल में पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एक और बड़ा घटनाक्रम पेश आया है। राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया के मुखिया और वर्ष 2000 बैच के आईपीएस अफसर जेपी सिंह को हटा दिया है। सिविल सर्विसिज बोर्ड की सिफारिश पर राज्य सरकार ने ये तबादला किया है। जेपी सिंह पहले हिमाचल प्रदेश आम्र्ड पुलिस व ट्रेनिंग के आईजी थे। अब उनका तबादला पुलिस अपील्स ट्रिब्यूनल व रिफॉर्म्स में आईजी के रूप में किया गया है। उनकी जगह एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी को आम्र्ड पुलिस एंड ट्रेनिंग का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
शक की सुई पुलिस महकमे पर
ऐसे में अब शक की सुई पुलिस महकमे पर ही घूम गई है। हिमाचल में 27 मार्च को पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा हुई थी। उसके बाद में पेपर लीक का खुलासा हुआ। पुलिस प्रमुख संजय कुंडू ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। अब तक इस मामले में 11 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, लेकिन सबसे चौंकाने वाला कदम आईजी जेपी सिंह के तबादले के रूप में आया है। कांग्रेस नेता हर्ष महाजन ने भी आरोप लगाया है कि इस मामले में पुलिस के अफसरों के बीच ही बहसबाजी हुई है।
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भर्ती प्रक्रिया के दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा- सीएम
वहीं, भर्ती प्रक्रिया के प्रमुख को पद से हटाए जाने से शक की सुई महकमे की तरफ ही घूम गई है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में जांच जारी है। जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश में इस मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की मांग हो रही है। ये भी संभव है कि इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जाए।
संगठन सीबीआई जांच की मांग को लेकर सक्रिय
कुछ संगठन हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग को लेकर सक्रिय हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस ने ही परीक्षा आयोजित की और पुलिस ही जांच करे, ऐसे में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। बहरहाल, पुलिस भर्ती प्रक्रिया के चेयरमैन के तबादले से प्रदेश में इस धांधली को लेकर खुद महकमा ही शक के घेरे में आने लगा है। विपक्ष के नेता भी इस मसले पर सरकार को घेर रहे हैं।