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6 अप्रैल 2023
दिल्ली : आज भारतीय जनता पार्टी को बने हुए 44 वर्ष पूरे हो गए हैं । बीजेपी पूरे देश भर में अपना 44 वां स्थापना दिवस मना रही है । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा हुआ है । 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में जनसंघ की स्थापना हुई थी जबकि बीजेपी का गठन 6 अप्रैल 1980 को हुआ । जनसंघ की स्थापना डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रोफेसर बलराज मधोक, दीनदयाल उपाध्याय ने की थी ।
जनसंघ का जनता पार्टी में विलय
देश में 1975 में लागू किया गया आपातकाल जनसंघ की सियासत में टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ । साल 1977 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल खत्म किया तो देश में आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई । विपक्षी दलों ने वैचारिक मतभेद भुलाकर इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी को परास्त करने के लिए जनता पार्टी बनाई । जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया । जनता पार्टी का गठन संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय लोकदल, कांग्रेस (ओ), जनसंघ को मिलाकर किया गया था ।
1977 के चुनाव में जनसंघ के आए नेताओं को अच्छी कामयाबी मिली । मोरारजी देसाई की अगुवाई में जनता पार्टी की केंद्र में सरकार बनी । जनता पार्टी की सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने तो लालकृष्ण आडवाणी सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे ।
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दोहरी सदस्यता का उठा मुद्दा
जनता पार्टी शुरू से ही कई धड़ों में बंटी हुई थी । एक धड़ ने जनसंघ से आए नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और दोहरी सदस्यता का मुद्दा उठाया । इसके बाद बहस छिड़ गई कि जनता पार्टी में शामिल जनसंघ के लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनता पार्टी के सदस्य एक साथ नहीं रह सकते, क्योंकि जनता पार्टी ने जनसंघ नेताओं को इसी शर्त पर साथ लिया था कि वे आरएसएस की सदस्यता को पूरी तरह से छोड़ देंगे ।
अटल बिहारी वाजपेयी बने बीजेपी के पहले अध्यक्ष
1980 के आते-आते जनता पार्टी में समाजवादी और जनसंघ से जुड़े नेताओं के रास्ते अलग हो गए । अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी सहित जनसंघ के अन्य नेताओं ने 6 अप्रैल, 1980 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में भारतीय जनता पार्टी के नाम से नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया । अटल बिहारी वाजपेयी बीजेपी के पहले अध्यक्ष बने । अपनी स्थापना के साथ ही भाजपा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गई। बोफोर्स एवं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पुनः गैर-कांग्रेसी दल एक मंच पर आये तथा 1989 के आम चुनावों में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को भारी पराजय का सामना करना पड़ा। वी.पी. सिंह के नेतृत्व में गठित राष्ट्रीय मोर्चे की सरकार को भाजपा ने बाहर से समर्थन दिया। इसी बीच देश में राम मंदिर के लिए आंदोलन शुरू हुआ।
लगातार बढ़ रहा था भाजपा का जनसमर्थन
1996 के आम चुनावों में भाजपा को लोकसभा में 161 सीटें प्राप्त हुईं। भाजपा ने लोकसभा में 1989 में 85, 1991 में 120 तथा 1996 में 161 सीटें प्राप्त कीं। भाजपा का जनसमर्थन लगातार बढ़ रहा था। श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली बार भाजपा सरकार ने 1996 में शपथ ली, परन्तु पर्याप्त समर्थन के अभाव में यह सरकार मात्र 13 दिन ही चल पाई। इसके बाद 1998 के आम चुनावों में भाजपा ने 182 सीटों पर जीत दर्ज की और श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने शपथ ली।
इस तरह के नए प्रतिमान किए स्थापित
भाजपा-नीत राजग सरकार ने श्री अटल बिहारी के नेतृत्व में विकास के अनेक नये प्रतिमान स्थापित किये। पोखरण परमाणु विस्फोट, अग्नि मिसाइल का सफ़ल प्रक्षेपण, कारगिल विजय जैसी सफलताओं से भारत का कद अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ऊंचा हुआ। राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य में नयी पहल एवं प्रयोग, कृषि, विज्ञान एवं उद्योग के क्षेत्रों में तीव्र विकास के साथ-साथ महंगाई न बढ़ने देने जैसी अनेकों उपलब्धियां इस सरकार के खाते में दर्ज हैं।
भारत-पाक संबंधों को सुधारने, देश की आंतरिक समस्याओं जैसे नक्सलवाद, आतंकवाद, जम्मू एवं कश्मीर तथा उत्तर पूर्व के राज्यों में अलगाववाद पर कईं प्रभावी कदम उठाए गये। राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को सुदृढ़ कर सुशासन एवं सुरक्षा को केन्द्र में रखकर देश को समृद्ध एवं समर्थ बनाने की दिशा में अनेक निर्णायक कदम उठाये गए।
11 करोड़ सदस्यों वाली विश्व की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी
आज भाजपा देश में एक प्रमुख राष्ट्रवादी शक्ति के रूप में उभर चुकी है एवं देश के सुशासन, विकास, एकता एवं अखंडता के लिए कृतसंकल्प है। 10 साल पार्टी ने विपक्ष की सक्रिय और शानदार भूमिका निभाई। 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में पहली बार भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी, जो आज ‘सबका साथ, सबका विकास’ की उद्घोषणा के साथ गौरव सम्पन्न भारत का पुनर्निर्माण कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा लगभग 11 करोड़ सदस्यों वाली विश्व की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी बन गयी है।
अनेक योजनाएं चलाकर स्थापित की नई क्रांति
26 मई, 2014 को श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने कम समय में ही अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की । उन्होंने विश्व में भारत की गरिमा को पुन:स्थापित किया, राजनीति पर लोगों के विश्वास को फिर से स्थापित किया। आर्थिक और सामाजिक सुधार सुरक्षित जीवन जीने का मार्ग उपलब्ध करा रहे हैं। भाजपा की मोदी सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, अमृत मिशन, दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं से भारत को आधुनिक और सशक्त बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाया है। जनधन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी अनेक योजनाएं देश में एक नयी क्रांति का सूत्रपात कर रही हैं। भाजपा सरकार ने देशवासियों को विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना का उपहार दिया है।