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17 जनवरी 2022
पद्म श्री से सम्मानित, ओडिशा की श्रद्धास्पद सामाजिक कार्यकर्ता शांति देवी का ओडिशा के रायगडा जिले के गुनुपुर में उनके आवास पर रविवार रात को देहांत हो गया। 18 अप्रैल 1934 को जन्मी शांति देवी ने अपने सामजिक कार्य की शुरुआत कोरापुट से की थी जहाँ उन्होंने सबसे पहले एक छोटा-सा आश्रम शुरू किया था।
शांति देवी ने इसके बाद बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए रायगढ़ में सेवा समाज की स्थापना की और फिर गुनुपुर में भी एक और आश्रम की स्थापना की । गुनुपुर में स्थापित इस आश्रम में उन्होंने अनाथ और बेसहारा बच्चों की शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और पुनर्वास में मदद करने का कार्य किया।
शांति देवी ने अपने जीवनकाल में अपने सामाजिक कार्य के ज़रिये आदिवासी लड़कियों को आगे बढ़ाने और प्रोत्साहन देने के लिए भी कई प्रयत्न किए। उन्होंने ख़ास तौर पर शिक्षा के माध्यम से आदिवासी लड़कियों के उत्थान के लिए अपना योगदान दिया और समाज सेवा की दिशा में ऐसे ही उनके बहुमूल्य प्रयत्नों के लिए उन्हें वर्ष 2021 में उन्हें पद्म श्री से भी नवाजा गया।
सोमवार सुबह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की :
Shanti Devi Ji will be remembered as a voice of the poor and underprivileged. She worked selflessly to remove suffering and create a healthier as well as just society. Pained by her demise. My thoughts are with her family and countless admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/66MLo73LUK
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2022
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