माता खबड़ी देवी मंदिर बल्हसीणा के ‘पेड़ वाले बाबा’ बिना किसी सरकारी अनुदान के लगा चुके हैं 6 हजार से ज्यादा औषधीय
The News Warrior
बरठी 5 जून
जिला बिलासपुर के बरठी से मात्र पांच किलोमीटर दूर माता खबड़ी देवी मंदिर बल्हसीणा के महंत रूपेश्वर गिरि की पहचान अब ‘पेड़ वाले बाबा’ के रूप होने लगी है। यह बिना किसी अनुदान या सरकारी मदद के अभी तक 6 हजार से ज्यादा औषधीय और दूसरे पौधे मंदिर परिसर में लगा चुके हैं।
उन्होंने मंदिर की 15 बीघा भूमि में एक वाटिका तैयार की है, जिसमें, सागवान, खैर, आम, अमरूद, हरड़, बेहड़ा, आंवला, रुद्राक्ष, बांस, चंदन, बट, पीपल, अर्जुन और कटहल सहित विभिन्न प्रजाति के पौधे लगाए हैं।
महंत ने बताया कि वह 12 साल से पर्यावरण संरक्षण में लगे लेकिन उन्हें इस बात का मलाल है पर्यावरण संरक्षण के लिए वह 10 लाख रुपये तक खर्च चुके हैं। पौधों की खरीद के साथ ही वह उनके रखरखाव और बाड़बंदी के लिए भी काम कर रहे हैं। कई बार बताने के बावजूद सरकार और वन विभाग के अधिकारी उनके बगीचे को देखने तक नहीं आए।
उन्होंने कहा कि वह वर्ष 2005 से लगातार पौधे रोपते आ रहे हैं। दियोटसिद्ध मंदिर की तरह इस स्थल को भी पर्यटकों के लिए विकसित किया जा सकता है। विकास खंड झंडुता के अंतर्गत आने वाले इस मंदिर में हजारों लोगों की आस्था का केंद्र कुलजा देवी है। महंत मंदिर परिसर में लगभग चालीस लाख रुपये से गुंबद के निर्माण के अलावा अन्य मंदिरों के विकास के लिए भी पैसा दे दे चुके हैं।
महंत रूपेश्वर गिरि ने कहा कि एक पेड़ सौ पुत्रों के समान होता है। पेड़ हमें जहरीली गैसों से बचाते हैं पेड़ो से हरा-भरा बगीचा मन को शांत और प्रसन्नता देता है। मेरा मकसद भारत सरकार व राज्य सरकार के पर्यावरण संरक्षण एवं पौधरोपण अभियान में अपना योगदान देना है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से भी गुजारिश की है कि इस मंदिर मेंं वाटिका को पर्यटन स्थल केेे रूप में विकसित कियाा जाए।