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1 मई 2023
दिल्ली : तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है । अब तलाक लेने के लिए पति पत्नी को कोर्ट के बार बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे । अगर पति और पत्नी दोनों तलाक के लिए राजी हों तो उन्हें तुरंत तलाक मिल जाएगा उन्हें तलाक के लिए 7 से 8 महीने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा ।
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अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट के पास है यह अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि किसी शादी में संबंध सुधरने की गुंजाइश ही नहीं बची हो तो ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से तुरंत तलाक मंजूर किया जा सकता है। इसके लिए 6 महीने की प्रतीक्षा अवधी को भी खत्म किया जा सकता है।सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि संविधान के आर्टिकल 142 के तहत उसे यह अधिकार है कि कोई भी न्यायोचित फैसला दे सकता है। बेंच ने कहा, ‘हमने व्यवस्था दी है कि सुप्रीम कोर्ट के लिए किसी शादीशुदा रिश्ते में आई दरार के भर नहीं पाने के आधार पर उसे खत्म करना संभव है। अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को इसका अधिकार है।’
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फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए 6 से 18 करना पड़ता है इंतजार
सुजस्टिस खन्ना ने संविधान बेंच का फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘ऐसे मामले में फैमिली कोर्ट जाने की जरूरत नहीं होगी जिसमें रिश्ते सुधरने की कोई गुंजाइश बची न हो। फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए 6 से 18 महीनों तक इंतजार करना पड़ता है।’ सुप्रीम कोर्ट ने कुछ गाइडलाइन भी तय की हैं। तलाक के फैसले पर विचार करते हुए इनका ध्यान रखना होगा। कोर्ट ने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट में संबंध सुधरने की गुंजाइश ना होने वाली नहीं कही गई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इसके आधार पर तलाक मंजूर कर सकता है।