Diwali 2021 : जानिए दिवाली पर दीये जलाने का महत्व,शास्त्रों में क्यों माना जाता है इसे शुभ
Diwali 2021 : दीपावली (दिवाली) हिंदू धर्म का एक विशेष त्योहार है और इसे देश भर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है दीपावली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों को दिये और रंगों से सजाते हैं वर्तमान समय में लोग अपने घरों को सजाने के लिए दिये के साथ-साथ अन्य चीजों का प्रयोग भी करते हैं हालांकि शास्त्रों में दिवाली के दिन दिये जलाने का विशेष महत्व है।
अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो आपको बता दे की पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेता युग में जब भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे तो उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी। अयोध्या वासियों द्वारा उनके आगमन पर खुशी में आगमन रास्ते पर पंक्ति में दीप जलाए थे। दीपावली का शाब्दिक अर्थ ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’ जिसका मतलब हुआ ‘दीपकों की श्रृंखला’ है। उसी दिन से इस त्यौहार को पारंपरिक तरीके से मनाने का आगाज हुआ था।
वही दिवाली के अवसर पर दिये जलाने से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं पूजा करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। शास्त्रों में भी इस बात का वर्णन किया गया है कि यदि दीपक जलाए जाएं तो घर में शुभता आती है और वातावरण में सकारात्मकता बनी रहती है।
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दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी के आगमन के लिए घरों की अच्छी तरीके से सफाई की जाती है वहीं घरों की रोशनी की जाती है घरों के हर कोने में दिये जलाए जाते हैं जिससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन हो सके। माना जाता है कि महालक्ष्मी अंधकार से अप्रसन्न होती हैं। दिवाली के अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा विशेष तौर से मिट्टी से बने हुए दीयों से ही की जाती है इस दिन सबसे पहले भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के आगे दिये रखना ( जलाना) आवश्यक होता है। वहीं इसके साथ कुलदेवी-कुलदेवता और मां गंगा के नाम के दीपक जलाना आवश्यक होता है।