The News Warrior
22 जनवरी 2022
यूक्रेन और रूस की सीमा पर लगातार चल रही तनावपूर्ण स्थिति पर अब विश्वभर के देशों की नज़र बनी हुई है। यहाँ तक कि सीमा पर अब रूस की तरफ से हमले की आशंका तक जताई जा रही है। अब तक सामने आई जानकारी में लगातार कई हफ़्तों से यूक्रेन-रूसी सीमा पर रूस के एक लाख से अधिक सैनिक एकत्रित होने की बात सामने आ रही है। हालांकि दिलचस्प बात है कि एक ओर जहाँ रूस अब तक यूक्रेन सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात कर चूका है तो वहीँ उनके विदेश मंत्री लावरोव ने यूक्रेन पर हमला न करने की भी बात की है।
रूस, यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिका का रुख
इस विवाद पर चर्चा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को कहा था कि उन्हें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी यूक्रेन में ‘मुकम्मल जंग’ से बचना चाहेंगे। परन्तु अब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का भी पूरे विवाद पर एक ब्यान सामने आया है जहाँ उन्होंने साफ़ तौर पर रूस द्वारा संभावित हमले की सम्भावना जताई है।
बीते कुछ दिनों में रूस द्वारा हमला करने की स्थिति में यूक्रेन के बचाव में कई देश भी सामने आए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट तौर पर रूस को चेतावनी देते हुए अपने ब्यान में कहा था कि यूक्रेन पर हमला करने पर रूस को इस की बड़ी कीमत चुकानी पद सकती है।
रूस और यूक्रेन तनाव की मूल वजह
1991 में सोवियत संघ टूटने पर यूक्रेन रूस के बाद आबादी और क्षेत्रफल में इन 15 देशों में दूसरे सबसे बड़े हिस्से के रूप में उभरा था। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच 1200 मील लम्बी सीमा है। माना जाता है कि काफी हद तक समान संस्कृति होने के बावजूद यूक्रेन का सोवियत संघ अथवा रूस से अलग होना रूस को कभी रास नहीं आया था। इतना ही नहीं, यूक्रेन का अमेरिका और यूरोप की ओर झुकाव भी रूस को खलता है।
बीते कुछ वर्षों से यूक्रेन की नाटो में शामिल होने की सम्भावना भी रूस की चिंता का विषय बना हुआ है। जहाँ नाटो में शामिल होने से रूस को यूक्रेन में अपना प्रभाव काम होने की चिंता है तो वहीँ अमेरिका को यूक्रेन पर कब्ज़ा कर यूरोप में रूस का दबदबा भड़ने की चिंता सता रही है। व्लादमीर पुतिन अब लिखित रूप में अमेरिका से यह आश्वासन चाहते हैं कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किया जायेगा और इसी लिए वे सीमा पर तनाव बढ़ाकर यूक्रेन और अमेरिका पर दबाव बनाना चाहते हैं।
यूक्रेन-रूस विवाद पर लेटेस्ट अपडेट
शुक्रवार को रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव को कम करने की कोशिश में अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों के बीच जिनेवा में एक हाई लेवल मीटिंग हुई। परन्तु इस में भी कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं हो पाई है। वार्ता के बाद दिए गए बयानों में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एक दूसरे पर मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी डालते नज़र आए।
वार्ता के बाद हुए एक समाचार सम्मेलन और अपने भाषण में रुसी विदेश मंत्री लावरोव ने एक समाचार सम्मेलन में बोलते हुए, उन्होंने ब्लिंकन के साथ हुई बैठक को उपयोगी बताया परन्तु साथ ही यह भी सपष्ट कर दिया कि अमेरिका की ओर से लिखित प्रतिक्रिया न मिलने तक वार्ता की सफलता पर कहना मुश्किल होगा। तो दूसरी तरफ अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने अपने बयान में कहा कि रूस या तो शांति और सुरक्षा की ओर ले जाता कूटनीति का रास्ता चुन सकता है अथवा गंभीर परिणाम और अंतर्राष्ट्रीय निंदा की ओर ले जाने वाले संघर्ष का पथ चुन सकता है।
ये भी पढ़ें :