फिल्म इन्डस्ट्री में सक्रिय माफिया तो राजनीति क्षेत्र भी नहीं माफिया से अछूता !

फिल्म नगरी मुंबई की चमक दमक भरी जिन्दगी से अक्सर नौजवान आकर्षित हो कर मुम्बई का रूख करते है। उन्हे अपने हुनर पर भरोसा होता है, परन्तु जब वह वहां की असलियत से रूबरू होते है तो बहुत से लोग उस चमक की जगह इस फिल्मी दुनिया की भद्दी शक्ल […]

बोधकथा का तात्पर्य एवं महत्व

हमारे धर्म शास्त्रों और वेदों में ऋषि-मुनियों द्वारा मनुष्य की जीवन शैली के अनेक  प्रेरक  प्रसंग तथा गूढ़ ज्ञान वेदों और शास्त्रों में लिखे गए हैं परंतु यह आम जन के लिए नीरस और कठिन होते हैं तथा यह उनके जीवन को उनके जीवन को प्रभावित प्रभावित नहीं करते हैं […]

भारत और नेपाल के रिश्तों मे आई खटास खत्म की जानी चाहिए

नेपाल हमारा पड़ोसी देश है। उसके साथ हमारे आज तक बड़े भाई और छोटे भाई जैसे रिश्ते रहे है। नेपाल भले एक छोटा देश है परन्तु उसे यह श्रेय प्राप्त है कि इसने कभी भी गुलामी का स्वाद नही चखा है। 2006 तक नेपाल विश्व का एक मात्र हिंदू राष्ट्र […]

मैकाले का शैक्षणिक षड़यंत्र

भारतवर्ष सदैव से ही विश्व में शिक्षा का केंद्र रहा। आदि काल से यहाँ शिक्षा राष्ट्र गौरव के विषय के रूप में सुशोभित रही। धर्म ग्रंथों की बहुतायत में उपलब्धता ने शिक्षा प्राप्ति के मार्ग को सुगम एवं सरल बना दिया था। यही कारण था कि भारतवर्ष में खगोल, आयुर्वेद, […]

राष्ट्र निर्माण और भारत के युवाओं की भूमिका

भारत ने अपनी आजादी 15 अगस्त 1947 को हासिल की. अंग्रेज यहां पर आए तो तिजारत के लिए थे लेकिन जब उन्होंने देखा कि हिंदुस्तानी आपस में ही छोटी छोटी चीजों के लिए  लड़ रहे हैं तो उन्होंने मौके का फायदा उठाकर भारत पर राज करना शुरू किया और बहुत […]

आई.आर.डी.पी का झोल एक व्यंग्य !

वह चीखना चाह रहा था, पर चीख गले से बाहर  निकल नहीं पा रही थी।  ऐसा लग रहा था मानो प्राण निकलने ही वाले हों। छटपटाता हुआ कमलू  किसी तरह उन मजबूत हाथों को गले से परे हटाने में कामयाब हो गया जो उसके गले  को जकड़े हुए थे।  वह […]

संकट काल में दिखता संघ का विराट रूप

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल भारत नहीं अपितु वैश्विक पटल पर भी विभिन्न विभिन्न कारणों से सर्वदा चर्चा का केंद्र रहता है । अपने 95 साल के इतिहास में एक सामाजिक सांस्कृतिक संगठन होने पर भी संघ की अधिकतम चर्चा राजनीतिक अथवा सांप्रदायिक कारणों से ही की जाती रही, निहित स्वार्थों […]

मैं कुछ लिखना चाहती हूं

मैं कुछ लिखना चाहती हूं, मैं कुछ लिखना चाहती हूं ! शब्दों से दुनिया की सोच बदलना चाहती हूं ! जो दिल में हो वही जुबां पर लाना चाहती हूं ! क्या रिश्तो की डोर में बंध ना जरूरी है ! मैं बेनाम रिश्तो के संग जीना चाहती हूं ! […]

आत्मबल

फलसफा जीवन का हर कोई, दूसरों को सिखाता है I पर जिन्दगी के सच का तजुर्बा, अपने ही अनुभव से आता है I नन्ही चिड़िया अन्तःशक्ति से, पंखों पर अपना भार उठाती है I तिनका तिनका चुनने वाली, क्षितिज पार कर जाती है I छोटी चींटी अद्भुत अनुशासन, का हुनर […]

बेटी, बहू, पत्नी और माँ क्या है मेरी पहचान ! कहानी मेरे अस्तित्व की !

एक लड़की के लिए शादी उसके जीवन का वो पडाव होता है जिसके बाद उसकी जिन्दगी पूरी तरह बदल जाती है | कहाँ मायके में उसका राज होता है मनमर्जी का खाना पहनना, मन किया तो कुछ कर दिया वरना किसी काम को हाथ न लगाना | पापा की तो […]