एक राष्ट्र एक शिक्षा: नई शिक्षा नीति के साथ नई शिक्षा व्यवस्था की आवश्यकता

इस लेख में शिक्षा के पुनर्जागरण के महत्वपूर्ण चरणों और उपायों की चर्चा की जाएगी। इस वक्त भारत को एक नई शिक्षा क्रांति की आवश्यकता है ऐसा नहीं है कि जब भारतीय शिक्षा पद्धति की बात की जाती है तो इसका तात्पर्य है वैश्वीकरण का विरोध। विश्व में जितना समृद्ध […]

कहां और क्यों चले गए टेलीविज़न देखने वाले?

तकनीकी दौर में तकनीक ने इंसान को तकनीक से ही दूर कर दिया है। आज लोग घर परिवार में एक साथ बैठें होते हैं सामने टीवी चला होता है लेकिन उसे कोई नहीं देख रहा होता बस सभी के हाथों में स्मार्टफ़ोन होता है सभी उसमें मग्न होते हैं। आज […]

क्यों संघर्षरत्त हैं अर्धसैनिक पुलिसबल ?

संघर्ष हमेशा परिवर्तन एवं सुधार हेतु किया जाता है। जरूरी नहीं है कि संघर्ष विध्वंसात्मक हो, न्यायोचित लक्ष्य की पूर्ति के लिए भी कभी कभी संघर्ष अनिवार्य हो जाता है। पिछले 15 वर्षों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के भूतपूर्व जवान अपने हकों और मांगों को लेकर संघर्षरत,आंदोलनरत हैं। चाहे वीआईपी […]

गाँव से होकर गुजरता है आत्मनिर्भर भारत का रास्ता…

“गांव” हर काम काजी व्यक्ति के लिए संबल का प्रतीक हैं। बड़े-बड़े शहरों या विदशों में काम करने वाले भारतीय जब भी थोड़े उदास होते हैं, किसी परेशानी में फंसते हैं, किसी त्योहार में अकेले पड़ जाते हैं या वहां प्रदूषण आदि जब बढ़ जाता है तो अचानक से गांव […]

प्रदेश के लिए दिल का धड़कना व दिमाग का चलना ज़रूरी

डॉ. राकेश शर्मा अक्सर हम देश के लिए ही दिल के धड़कने की बातें सुनते आए हैं परन्तु प्रदेश के संतुलित एवं समग्र विकास के लिए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अपने गांव, पंचायत, ज़िले से पहले लोगों के दिलों में अपने प्रदेश के गौरव और प्रेम की भावना जगना […]

फिल्म इन्डस्ट्री में सक्रिय माफिया तो राजनीति क्षेत्र भी नहीं माफिया से अछूता !

फिल्म नगरी मुंबई की चमक दमक भरी जिन्दगी से अक्सर नौजवान आकर्षित हो कर मुम्बई का रूख करते है। उन्हे अपने हुनर पर भरोसा होता है, परन्तु जब वह वहां की असलियत से रूबरू होते है तो बहुत से लोग उस चमक की जगह इस फिल्मी दुनिया की भद्दी शक्ल […]

बोधकथा का तात्पर्य एवं महत्व

हमारे धर्म शास्त्रों और वेदों में ऋषि-मुनियों द्वारा मनुष्य की जीवन शैली के अनेक  प्रेरक  प्रसंग तथा गूढ़ ज्ञान वेदों और शास्त्रों में लिखे गए हैं परंतु यह आम जन के लिए नीरस और कठिन होते हैं तथा यह उनके जीवन को उनके जीवन को प्रभावित प्रभावित नहीं करते हैं […]

भारत और नेपाल के रिश्तों मे आई खटास खत्म की जानी चाहिए

नेपाल हमारा पड़ोसी देश है। उसके साथ हमारे आज तक बड़े भाई और छोटे भाई जैसे रिश्ते रहे है। नेपाल भले एक छोटा देश है परन्तु उसे यह श्रेय प्राप्त है कि इसने कभी भी गुलामी का स्वाद नही चखा है। 2006 तक नेपाल विश्व का एक मात्र हिंदू राष्ट्र […]

मैकाले का शैक्षणिक षड़यंत्र

भारतवर्ष सदैव से ही विश्व में शिक्षा का केंद्र रहा। आदि काल से यहाँ शिक्षा राष्ट्र गौरव के विषय के रूप में सुशोभित रही। धर्म ग्रंथों की बहुतायत में उपलब्धता ने शिक्षा प्राप्ति के मार्ग को सुगम एवं सरल बना दिया था। यही कारण था कि भारतवर्ष में खगोल, आयुर्वेद, […]

राष्ट्र निर्माण और भारत के युवाओं की भूमिका

भारत ने अपनी आजादी 15 अगस्त 1947 को हासिल की. अंग्रेज यहां पर आए तो तिजारत के लिए थे लेकिन जब उन्होंने देखा कि हिंदुस्तानी आपस में ही छोटी छोटी चीजों के लिए  लड़ रहे हैं तो उन्होंने मौके का फायदा उठाकर भारत पर राज करना शुरू किया और बहुत […]